नई दिल्ली: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए मार्च से ही सभी शैक्षणिक संस्थान बंद पड़े हैं. वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक गर्मी की छुट्टियों के बाद स्कूल खोलने को लेकर विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों का मानना है कि स्कूल में शिक्षा ले रहे छात्रों को अचानक घर बैठने से कई समस्याएं हो रही हैं. इसके अलावा ऑनलाइन शिक्षा से पिछड़े तबकों के बच्चे वंचित रह रहे हैं. ऐसे में स्कूल खोलने पर विचार किया जा रहा है. इसको लेकर स्थिति की लगातार समीक्षा की जा रही है और नए दिशा निर्देश पर काम जारी है.
स्कूल के गेट पर सैनिटाइजेशन टनल
बता दें कि गर्मी की छुट्टियों के बाद सरकार स्कूलों को खोलने पर विचार कर रही है. जिसको लेकर नए दिशा निर्देश तैयार किए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के अधिकारी ने बताया कि संभव है कि गर्मी की छुट्टी के बाद स्कूल खुल जाएं. लेकिन उस दौरान कई दिशा निर्देश दिए जाएंगे. जिसमें सबसे पहला होगा स्कूल में प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन टनल या सैनिटाइजेशन मशीन लगाना. इसके लिए ऐसी सैनिटाइजेशन मशीन का प्रयोग किया जाएगा. जो 5 सेकंड में 1 बच्चे को सैनिटाइज करने की क्षमता रखें. जिसके तहत एक मशीन 180 बच्चों को सैनेटाइज कर सकेगी.
स्कूल यूनिफॉर्म में मास्क अनिवार्य किया जा सकता है
वहीं छात्रों को स्कूल के गेट पर ही मास्क मुहैया कराए जाएंगे और हाथ सैनिटाइज कराए जाएंगे. संभावना ये भी है कि मास्क को स्कूल यूनिफार्म के तौर पर शामिल कर अनिवार्य कर दिया जाए. इसके अलावा किसी भी तरह की प्रार्थना सभा आयोजित ना करने के भी निर्देश जारी किए जा सकते हैं. साथ ही छात्रों को मध्यान्ह का भोजन भी कक्षाओं में मुहैया कराने पर विचार किया जा रहा है. बता दें कि इससे पहले सभी छात्र स्कूल प्रांगण में इकट्ठा होकर एक साथ मध्यान्ह का भोजन दिया करते थे.
टच फ्री सैनिटाइजर मशीन लगाने पर विचार
साथ ही सभी क्लास में टच फ्री सैनिटाइजर मशीन लगाने पर भी विचार चल रहा है. जबकि स्कूल की ऐसी जगह जहां पर शिक्षक और छात्र अक्सर इकट्ठा होते हैं. जैसे साइंस लैब, आर्ट रूम, कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी. यहां प्रतिदिन दो बार सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया की जाएगी. जिसके लिए विशेष तौर पर स्टाफ भी स्कूलों को मुहैया कराए जा सकते हैं.
सर्दी जुकाम की शिकायत पर भी स्कूल नहीं आएंगे छात्र
वहीं सरकारी ये भी दिशा निर्देश जारी करने के विचार में है कि यदि किसी बच्चे की तबीयत अचानक खराब हो या उसे खांसी जुखाम की शिकायत हो, तो उसके लिए अलग से एक कमरा रखा जाए. साथ ही उसे हिदायत दी जाए कि तबीयत ठीक होने तक वो बच्चा स्कूल ना आए. ऐसे बच्चे का पढ़ाई को लेकर नुकसान ना हो. इसलिए उसे ऑनलाइन क्लास दी जाएंगी. वहीं अगर यही स्थिति शिक्षक के साथ होती है, तो शिक्षक भी स्कूल नहीं आएंगे. बल्कि घर बैठ कर ही अपना सब्जेक्ट पढ़ाएंगे.
स्कूलों के समय में भी हो सकता है बदलाव
वहीं स्कूलों के समय में भी बदलाव की बात सामने आ रही है. सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक दो शिफ्ट में चलने वाले स्कूलों का समय घटा कर उन्हें तीन शिफ्ट में चलाया जा सकता है. जबकि मॉर्निंग शिफ्ट में चल रहे स्कूलों के समय में भी परिवर्तन होगा. वहीं अटकलें लगाई जा रही हैं कि छात्रों की पढ़ाई का निर्धारित समय भी 3 घंटे ही रखा जाएगा. हर एक शिफ्ट खत्म होने के बाद सभी क्लास का और स्कूल परिसर को सैनिटाइजेशन किया जाएगा.
सिलेबस पूरा कराना बहुत बड़ी चुनौती
ऐसे में शिक्षकों के लिए पाठ्यक्रम समय से पूरा कराना बहुत बड़ी चुनौती होगी. जिस को संज्ञान में लेते हुए कहा जा रहा है कि पाठ्यक्रम छोटा कर दिया जाएगा. मिड टर्म एग्जाम नवंबर में लिए जाएंगे. वहीं छात्रों को सख्त हिदायत होगी कि वो अपनी क्लास छोड़कर किसी अन्य क्लास में या स्कूल के परिसर में कहीं घूम नहीं सकेंगे. इसके अलावा पानी की बोतल भी घर से ही लेकर आएंगे.