नवरात्रि स्पेशल थालियों से सजे दिल्ली के रेस्टोरेंट्स नई दिल्ली:शारदीय नवरात्रि इस साल 15 अक्टूबर से प्रारंभ हुई है. नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में व्रत, पूजा, भंडारे, जागरण आदि में माँ के भक्त बड़े ही उत्साह से भाग लेते हैं. वहीं, मां दुर्गा की आराधना करने वाले भक्त 9 दिनों का उपवास भी रखते हैं. इन 9 दिनों में बिना नमक, सात्विक और फलाहारी भोजन ग्रहण किया जाता है.
माता रानी के ऐसे विशेष भक्तों के लिए दिल्ली के कई छोटे बड़े रेस्टोरेंट्स में नवरात्रि विशेष भोजन बनाए जाते हैं. इसमें व्रत में खाने वाली विशेष थाली, पेय पदार्थ और कुछ मिठाइयों को तैयार किया जाता है. इन व्यंजनों को शुद्ध देसी घी में तैयार किया जाता है. नमकीन व्यंजनों में सेंधा नमक का इस्तेमाल होता है.
प्राचीन दिल्ली की एक स्वीट शॉप पर व्रत में ग्रहण किए जाने वाले 18 विभिन्न तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों को तैयार किया गया है. दुकान के मालिक, गौरांग तिवारी ने बताया कि इसमें कई पकवान ग्राहक की जरूरतों और डिमांड के हिसाब से तैयार किया गया है. वहीं, रेस्टोरेंट पर नवरात्र विशेष थाली और अन्य व्यंजन बनाने वाले श्रवण ने बताया कि इस बार थाली में एक साथ 9 विशेष आहारों को व्रतियों के समक्ष परोसा जा रहा है. इस एक थाली का दाम 290 रुपए है. इसमें 4 तरह की सब्जियां हैं, इसके साथ समा के प्लेन चावल, खीर और लस्सी भी है.
बता दें कि चांदनी चौक में मुख्य सड़क पर स्थित तिवारी स्वीट्स में सालभर बिना लहसुन -प्याज का खाना बनाया जाता है. रेस्टोरेंट मैनेजर श्रवण कुमार यादव ने बताया कि वो 30 वर्षों से काम करते आ रहे हैं. हर साल नवरात्र में कुछ विशेष व्यंजनों को इजात करते हैं. इस बार विशेष पनीर टिक्का बनाना है जिसमें न के बराबर घी का इस्तेमाल किया गया है. वहीं नवरात्रि थाली में 7 तरह के सात्विक व्यंजनों को परोसा जाता है. इसमें 2 पूरी, रायता, आलू जीरा, आलू दही, लौकी की सब्जियां होती है. साथ ही समा के चावल और एक छेना का रसगुल्ला भी होता है.
नवरात्र का विशेष पकवान तैयार करने वाले सुरेंद्र ने बताया कि यहां बनने वाले हर पकवान को काफी सफाई से तैयार किया जाता है. इसको अन्य सभी खाने की चीज़ों से अलग रखा जाता है. बता दें कि नवरात्रों के दिनों में चांदनी चौक में महिला खरीदारों का फुटफाल बढ़ जाता है. अधिकतर महिलाएं व्रत भी रखती हैं. साड़ी, कपड़े, चूड़ियों जैसे सामान की परचेजिंग के बाद जब उन्हें कुछ खाने का मन होता है, तो रेस्टोरेंट में पहुंच जाती है.