नई दिल्ली :संसद के अंदर एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष 2022-23 के मद्देनजर वित्तीय बजट पेश किया जाना है. इस बार के बजट से दिल्ली के लोगों को काफी ज्यादा उम्मीदें हैं. ईटीवी भारत से लोगों ने कहा कि कोरोना की वजह से पैदा हुए खराब आर्थिक हालात को देखते हुए सरकार को समाज के हर एक वर्ग को राहत देनी चाहिए. इनकम टैक्स के स्लैब को बढ़ाकर ना सिर्फ 7 लाख करना चाहिए बल्कि महंगाई पर लगाम लगाने को लेकर भी कदम उठाने की आवश्यकता है, जिसमें पेट्रोल-डीजल और खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाना सबसे ज्यादा जरूरी है. जबकि सस्ती इंटरेस्ट की दरों पर लोगों को लोन उपलब्ध करवाना ताकि आर्थिक बदहाली के दौर से निकला जा सके. रोजगार के साधन बड़ी संख्या में उपलब्ध हो इसको लेकर भी सरकार के द्वारा बजट में घोषणा की जानी चाहिए.
पिछले दो सालों के लंबे समय से पूरे देश में कोरोना महामारी के बाद अर्थव्यवस्था के ऊपर ना सिर्फ बुरा असर पड़ा है बल्कि निम्न वर्ग के लोगों से लेकर उच्च वर्ग के लोगों तक की जमा पूंजी समाप्त हुई है और अर्थव्यवस्था भी अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. इस बीच आगामी एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 के मद्देनजर बजट पेश किया जाना है. इस बार के केंद्रीय बजट से पूरे देश भर में लोगों को काफी उम्मीदें हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत में लोगों ने बजट से उम्मीदों पर अपनी बात रखते हुए कहा कि कोरोना की वजह से पैदा हुए विपरीत हालात को देखते हुए सरकार को बड़े स्तर पर देश में सभी वर्गों के लोगो तक विभिन्न माध्यमों से सहायता पहुंचाने चाहिए.
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दिल्ली के लोगों ने बजट पर अपना मत रखते हुए कहा कि वर्तमान में कोरोना की तीसरी लहर के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश किया जा रहा है. लोगों को केंद्र के अंदर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार के ऊपर भरोसा है. ऐसे में इस बार के बजट ने समाज के हर एक बार को ध्यान में रखते हुए प्रावधान किए जाने चाहिए. पेट्रोल-डीजल के लगातार बढ़ते दामों की वजह से खाद्य पदार्थों के दाम भी बढ़ रहे हैं और महंगाई भी आसमान छू रही है.