नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस को देश की सबसे हाई टेक पुलिस माना जाता है. टेक्नोलॉजी के दौर में पुलिस व्यवस्था को करीब दो करोड़ लोगों के एक क्लिक तक पहुंचाने के लिए इसने दो ऐप भी बनाए हैं, लेकिन आरोप लगे हैं कि सूचना की पारदर्शिता के मामले में दिल्ली पुलिस अभी भी कमतर ही साबित हो रही है और आधी-अधूरी जानकारी दे रही है.
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी एकऐप के लिए एक व्यक्ति दिए 35 लाख
आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा ने बताया कि दिल्ली क्षेत्र में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को जनता के इस्तेमाल के लिए सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली पुलिस का एक ऐप है एमवी थेफ्ट, थेफ्ट ई एफआईआर, लॉस्ट एंड फाउंड एंड सीनियर सिटीजन सेल नाम का. आरटीआई में मिली जानकारी के अनुसार इस ऐप को एक ही इंसान ने डेवलप और मॉडिफाई किया है.
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इसके लिए दिल्ली पुलिस ने ऐप के अलग अलग सेक्शन के लिए इस शख्स को 34,54,240 रुपए दिए हैं. इनमे सबसे ज्यादा सीनियर सिटीजन सेल के मोबाइल ऐप के डेवलपमेंट पर 5,80,000 रुपए खर्च हुए.
आरटीआई कार्यकर्ता ने मांगी थी ऐप की जानकारी हिम्मत ऐप की नहीं दी जानकारी
आरटीआई कार्यकर्ता हरपाल राणा बताते हैं कि उन्होंने दिल्ली पुलिस से उनके सभी ऐप की जानकारी मांगी थी. पुलिस ने सिर्फ एक ऐप की जानकारी दी. लेकिन वो जानकारी कितने समय की है ना ये बताया और ना ही महिलाओं के लिए बनाए हिम्मत एप से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी.