नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली क्राइम ब्रांच की टीम को निर्देश दिए हैं कि चाइनीज मांझा के निर्माताओं, बिक्री और स्टॉक करने वालों के खिलाफ जांच कर डिटेल रिपोर्ट हाईकोर्ट में सबमिट करें. हाईकोर्ट चाइनीज मांझे से हादसे के शिकार हुए लोगों के परिजनों द्वारा दाखिल की गई याचिका पर विचार कर रहा था. न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह ने सुनवाई करते हुए निर्देश दिए कि कोर्ट ने इस मामले को 12 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध किया है.
न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह ने अपराध शाखा को आदेश दिया है कि वह मांझे का कारोबार करने वाले आयातकों, व्यापारियों और दुकानदारों की जांच करें और अदालत को एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपे. उन सभी बाजारों का विवरण दिया जाना, चाहिए जहां धागा बेचा जा रहा है और क्या दुकानदारों को इसके खिलाफ सतर्क किया गया है. उन्होंने कहा कि इन धागों के कारण हुई दुर्घटनाओं में मारे गए या घायल हुए लोगों के परिवारों द्वारा दायर याचिकाओं के एक बैच की सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया गया है.
कोर्ट को बताया गया कि इनमें से कई लोग मोटरसाइकिल चला रहे थे, तभी धागे ने उनका गला काट दिया. यह भी कहा गया कि मांझा पक्षियों और जानवरों के लिए भी हानिकारक है. इस मामले पर विचार करने के बाद कोर्ट ने कहा कि इस तथ्य पर विचार करते हुए कि पतंगबाजी ज्यादातर बच्चों और युवा वयस्कों द्वारा की जाती है, यह सुनिश्चित करना अधिकारियों का कर्तव्य है कि ये खतरनाक धागे बाजार में उपलब्ध न हों.