नई दिल्ली : दिल्ली पुलिस को अगले 4 महीनों के लिए आतंकवाद पर कार्रवाई तेज करने के लिए नई शक्तियां दी गई हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से 19 अक्टूबर को जारी किए गए नोटिफिकेशन के अनुसार दिल्ली पुलिस अब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत भी किसी को गिरफ्तार कर सकती है. ये शक्तियां 19 अक्टूबर 2022 से लेकर 18 जनवरी 2023 तक प्रभावी रहेंगी. इस आदेश के जारी होने के बाद से दिल्ली पुलिस देश की सबसे ताकतवर पुलिस बल बन गई है. क्योंकि अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (National Security Act) यानी NSA के तहत केवल एनआईए को ही गिरफ्तारी करने का आदेश था.
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ब्रिटिश शासनकाल जुड़ा है NSA का इतिहास :आपको बता दें कि NSA का इतिहास ब्रिटिश शासनकाल जुड़ा हुआ है. इस कानून के तहत किसी भी संदिग्घ को घटना के होने से पहले ही अरेस्ट किया जा सकता है. अंग्रेजों ने 1881 में बंगाल रेगुलेशन थर्ड नाम का कानून बनाया था. इसमें भी घटना से पहले ही संदिग्ध को अरेस्ट करने का प्रावधान था. 1919 में रोलेट एक्ट भी कुछ ऐसा ही था, जिसमें दोषी पाए गए शख्स को ट्रायल तक की छूट नहीं थी.
किसी भी संदिग्ध को 3 माह तक हिरासत में : इस एक्ट में ऐसा प्रावधान है कि गिरफ्तार किए संदिग्ध शख्स को 3 महीने तक हिरासत में रखा जा सकता है. इस दौरान उसकी जमानत भी नहीं हो सकती. अगर अपराध गंभीर किस्म का होना था तो हिरासत की समय सीमा बढ़ाकर 12 महीने की जा सकती है. खास बात यह है कि हिरासत में रखने के लिए पुलिस को आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती है. जांच एजेंसी की हिरासत में लिया गया शख्स हाईकोर्ट की एडवाइजरी के सामने अपील कर सकता है. जिसमें राज्य सरकार को यह बताना होता है कि शख्स को क्यों और किस जुर्म के आधार पर हिरासत में लिया गया है.
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