नई दिल्ली: डेनमार्क की रहने वाली ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को लेकर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस का दावा है कि जो दस्तावेज ग्रेटा द्वारा ट्वीट किए गए थे, उसमें 23 से 26 जनवरी के बीच हुई हिंसा के बारे में पूरी साजिश का खुलासा था. इसी दस्तावेज को लेकर यह FIR दर्ज की गई है और पूरे मामले की जांच साइबर सेल द्वारा की जाएगी.
26 जनवरी की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस पहले से ही सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी. विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि 26 जनवरी की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस पहले से ही सोशल मीडिया की मॉनिटरिंग कर रही थी. इस दौरान उन्होंने एक टि्वटर हैंडल के जरिए कुछ दस्तावेज देखे जो ट्वीट किए गए थे. इन दस्तावेजों में बताया गया था कि किस तरीके से भारत सरकार के विरुद्ध काम करते हुए किसान आंदोलन को लेकर लोगों को भड़काना है. किस तरीके से हिंसा की जानी है और 26 जनवरी को लेकर कैसे लोगों को एकत्रित करना है. इन सभी जानकारियों से इस बात का खुलासा हुआ है जो 26 जनवरी को हुआ था, वह एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. बाद में इस दस्तावेज को हटा लिया गया था.
टूलकिट के जरिये हुई साजिश
विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन के अनुसार प्राथमिक जांच में पता चला है कि टूलकिट खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाया गया था. इसमें यह तय किया गया था कि 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला किया जाएगा. 23 जनवरी के बाद बड़ी संख्या में ट्वीट किए जाएं और 26 जनवरी को फिजिकल एक्शन होना चाहिए. बड़ी से बड़ी संख्या में किसानों के साथ शामिल हुआ जाए ताकि बड़ी हिंसा हो सके.
विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन के अनुसार प्राथमिक जांच में पता चला है कि टूलकिट खालिस्तानी संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन द्वारा बनाया गया था. इसमें यह तय किया गया था कि 26 जनवरी से पहले हैशटैग के जरिए डिजिटल हमला किया जाएगा. 23 जनवरी के बाद बड़ी संख्या में ट्वीट किए जाएं और 26 जनवरी को फिजिकल एक्शन होना चाहिए. बड़ी से बड़ी संख्या में किसानों के साथ शामिल हुआ जाए ताकि बड़ी हिंसा हो सके.
देशद्रोह का मामला दर्ज
विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने बताया कि इस दस्तावेज को लेकर दिल्ली पुलिस में देशद्रोह का मामला दर्ज किया है. दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफएआईआर में आईपीसी की धारा 124ए, 153ए और 120बी लगाई गई है. इसमें साफ बताया गया है कि जहां एक तरफ पूरी साजिश के तहत इस आंदोलन का इस्तेमाल करते हुए यह हिंसा की गई तो वहीं दूसरी तरफ लोगों को हिंसा के लिए भड़काने का भी प्रयास किया. प्रवीर रंजन ने बताया कि सरकार के विरुद्ध यह पूरी साजिश रची गई थी. पूरे मामले की जांच साइबर सेल द्वारा की जा रही है.
ग्रेटा को नहीं किया गया नामजद
विशेष आयुक्त प्रवीर रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्विटर हैंडल का नाम नहीं लिया. इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि ट्विटर हैंडल से आए दस्तावेज को लेकर एफआईआर दर्ज की गई है. ट्वीट करने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. इससे यह साफ हो गया है कि पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. केवल उन दस्तावेजों पर एफआईआर दर्ज की गई है जो ग्रेटा द्वारा ट्वीट किए गए थे.