नई दिल्ली: उत्तर-पूर्वी दिल्ली हिंसा मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं. क्राइम ब्रांच की जांच के दौरान सामने आया है कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (NRC) के खिलाफ प्रदर्शन और दंगों के फंडिंग की बड़ी तैयारी की गई थी. सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि ओमान, कतर, यूएई और सऊदी अरब से भी इन दंगों के लिए फंडिंग की गई थी.
जमकर हुई फंडिंग
क्राइम ब्रांच से जुड़े अधिकारियों की मानें तो दिल्ली में दंगे होने से पहले हिंसा के आरोपियों के खाते में और कैश के जरिए एक करोड़ 62 लाख 46 हजार 53 आए थे. जिनमें से दंगों के आरोपियों ने 1 करोड़ 47 लाख 98 हजार 893 रुपये दिल्ली में चल रहे करीब 20 प्रदर्शन वाली जगह पर और दिल्ली में दंगा करवाने पर खर्च किए हैं. हैरानी की बात यह है कि आरोपियों के जरिए इन रुपयों से दंगों के लिए हथियार और प्रदर्शन के लिए कुछ अन्य सामान भी खरीदे गए हैं. आरोपियों के अकाउंट में पैसा भारत ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आया है. जिन आरोपियों के अकाउंट में फंडिंग आई है, उनमें प्रमुख रूप से ताहिर हुसैन, मिरान हैदर, इशरत जहां, खालिद सैफी प्रमुख रूप से शामिल है.
ताहिर हुसैन है मास्टरमाइंड
आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के अकाउंट में और कैश के जरिए कुल एक करोड़ 32 लाख 47 हजार जमा थे. जिनमें से एक करोड़ 29 लाख 25 हजार 500 रुपये खर्च किए गए. इनमें से एक बहुत बड़ी रकम हिंसा के लिए लोगों को इकट्ठा करने और दंगों में इस्तेमाल होने वाले सामान खरीदने के लिए किया गया.