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दिल्ली पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन ने सीएम को लिखा पत्र, वैट कम करने की मांग की

दिल्ली में लॉकडाउन की वजह से दिल्ली सरकार को काफी नुकसान हुआ है. जिसकी भरपाई के सरकार ने शराब पर 70 फीसदी और पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर सर्वाधिक वैट 30 फीसदी बढ़ा दिया. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

Delhi Petrol-Diesel Association has written a letter to CM Kejriwal demanding reduction in VAT
दिल्ली पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन वैट कम करने की मांग की

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Published : Jun 4, 2020, 9:40 PM IST

Updated : Jun 4, 2020, 9:59 PM IST

नई दिल्ली:देश में कोरोना का कहर जारी है. साथ ही इसकी वजह से लॉकडाउन के दौरान दिल्ली सरकार के खजाने को जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई के लिये शराब पर 70 फीसदी और पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर अभी तक का सर्वाधिक वैट 30 फीसदी बढ़ा दिया.

दिल्ली पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन ने सीएम को लिखा पत्र

लॉकडाउन के दौरान जब पब्लिक अपने घरों में बंद थी तो उस समय अप्रैल के महीने में 84 फीसदी बिक्री कम हुई. इसके तुरंत बाद दिल्ली सरकार ने 30 फीसदी वैट बढ़ दिया. इसकी वजह से पहले ही जेबे ढीली होने की वजह से लोग महंगा पेट्रोल-खरीदने से कतराने लगे. लिहाज मई महीने में भी इसकी बिक्री 79 फीसदी तक नीचे गिर गयी.


वैट के बढ़े दर वापस लेने की मांग की

डीजल-पेट्रोल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल बिजलानी ने बताया कि दिल्ली सरकार को कोरोना काल में जितना खजाने का नुकसान हो रहा है. उतने की भरपाई के लिए जो 30 फीसदी वैट बढ़ाई है, उससे पेट्रोल-डीजल की बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है. अप्रैल महीने में 84 फीसदी और मई महीने में 79 फीसदी पेट्रोल-डीजल की बिक्री में गिरावट आई है. जबकि उत्तरप्रदेश और हरियाणा में पेट्रोल- डीजल की बिक्री धीरे-धीरे पहले वाली स्थिति में आ रही है.


पड़ोसी राज्यों की तुलना में प्रति लीटर 7 रुपये का अंतर

बिजलानी ने बताया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा इन पड़ोसी राज्यों में डीजल की कीमत में प्रति लीटर 7 रुपये का फर्क है. लिहाजा लोग दिल्ली में महंगा डीजल खरीदने के बजाय पड़ोसी राज्यों से स्मगल कर ले आते हैं और अपनी गाड़ियों में भी डीजल भरवा रहे हैं. राजधानी दिल्ली को ऊंचे टैक्स की वजह से हर महीने 58 करोड़ रुपये के रेवन्यू का नुकसान हो रहा है.



मुख्यमंत्री को लिखी चिट्ठी

दिल्ली पेट्रोल-डीजल एसोसिएशन के पूर्व प्रेसिडेंट निश्छल सिंघानिया ने कहा कि लॉकडाउन खुल चुका है. लोग सार्वजनिक वाहनों के बजाय निजी वाहनों से ही मूवमेंट करना पसंद कर रहे हैं. लेकिन 7 रुपये प्रति लीटर एक बड़ा अंतर है. इसके अलावा जिन वाहनों से आवश्यक सेवा जैसे दूध, फल और सब्जियों की सप्लाई दिल्ली में होती है. वह भी इससे प्रभवित होगा. साथ ही ट्रांसपोर्टर भी डीजल के लिये पड़ोसी राज्यों की तरफ जा सकते हैं. जिसका नुकसान दिल्ली सरकार को ही उठाना पड़ेगा.

सिंघानिया ने एसोसिएशन की तरफ से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखकर पेट्रोल और डीजल पर लगाये 30 फीसदी वैट को कम करने की मांग की ताकि बिक्री बढ़ सके.

Last Updated : Jun 4, 2020, 9:59 PM IST

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