Delhi-NCR की हवा में सुधार, AQI 'बहुत खराब' कैटेगरी में बरकरार
रविवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में सुधार दर्ज किया गया है. शनिवार को दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन और डार्क रेड जोन में दर्ज किया गया था. जबकि रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है. दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे दर्ज किया गया है. प्रदूषण में आई गिरावट के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है.
Delhi-NCR की हवा में सुधार
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Published : Jan 15, 2023, 12:02 PM IST
नई दिल्ली: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में रविवार को काफी सुधार देखने को मिला है. दिल्ली के ज्यादातर इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के नीचे दर्ज किया गया है, जिससे दिल्ली को लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है.
दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर
250
शादीपुर
292
डीटीयू दिल्ली
276
आईटीओ दिल्ली
293
सिरिफ्फोर्ट
260
मंदिर मार्ग
244
आरके पुरम
270
पंजाबी बाग
272
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
267
नेहरू नगर
312
द्वारका सेक्टर 8
268
पटपड़गंज
252
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज
268
अशोक विहार
253
सोनिया विहार
247
जहांगीरपुरी
282
रोहिणी
278
विवेक विहार
302
नजफगढ़
195
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम
262
नरेला
272
ओखला फेस टू
266
बवाना
306
श्री औरबिंदो मार्ग
276
मुंडका
267
आनंद विहार
312
IHBAS दिलशाद गार्डन
NA
गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
गाजियाबाद के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा
197
इंदिरापुरम
147
संजय नगर
164
लोनी
230
नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
नोएडा के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62
220
सेक्टर 125
173
सेक्टर 1
165
सेक्टर 116
185
Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.
Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.