Delhi NCR Pollution: प्रदूषण से दिल्ली बेहाल, रेड जोन में पहुंची एक्यूआई
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को अधिकतर इलाकों में प्रदूषण का स्तर रेड जोन में है. दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका आईटीओ दिल्ली में दर्ज किया गया है. यहां का एक्यूआई 439 दर्ज किया गया है जो कि अत्यंत गंभीर श्रेणी में है.
Pollution in Delhi NCR
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Published : Jan 13, 2023, 12:08 PM IST
नई दिल्ली/गाजियाबाद: शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में बढ़ोतरी बरकरार है. दिल्ली के कई इलाकों का प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित इलाका आईटीओ दिल्ली है. यहां का AQI 439 दर्ज हुआ है. गाजियाबाद और नोएडा के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स भी रेड जोन में दर्ज किया गया है.
दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर
373
शादीपुर
363
डीटीयू दिल्ली
381
आईटीओ दिल्ली
439
सिरिफ्फोर्ट
351
मंदिर मार्ग
364
आरके पुरम
361
पंजाबी बाग
384
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
360
नेहरू नगर
375
द्वारका सेक्टर 8
367
पटपड़गंज
391
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज
352
अशोक विहार
366
सोनिया विहार
406
जहांगीरपुरी
390
रोहिणी
390
विवेक विहार
386
नजफगढ़
340
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम
363
नरेला
397
ओखला फेस टू
361
बवाना
393
श्री औरबिंदो मार्ग
361
मुंडका
389
आनंद विहार
377
IHBAS दिलशाद गार्डन
302
गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
गाजियाबाद के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा
313
इंदिरापुरम
272
संजय नगर
286
लोनी
336
नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
नोएडा के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62
311
सेक्टर 125
302
सेक्टर 1
321
सेक्टर 116
327
Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.
Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.