गंभीर श्रेणी में है दिल्ली एनसीआर की हवा, यहां चेक करें अपने इलाके का AQI - दिल्ली की हवा में घुल रहा प्रदूषण का जहर
दिल्ली और एनसीआर (New Capital Region) में प्रदूषण कम होने का नाम नहीं ले रहा है. शनिवार को अधिकतर इलाकों में प्रदूषण का स्तर Dark Red Zone में रहा. कुल मिलाकर एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air quality Index) के हिसाब से आंकड़ा 300 के पार ही रहा.
Delhi NCR Pollution Update
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Published : Jan 7, 2023, 1:42 PM IST
नई दिल्ली/गाजियाबाद: दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है. दिल्ली का कई इलाकों का प्रदूषण स्तर डार्क रेड जोन में दर्ज किया गया है. दिल्ली के कई इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार दर्ज किया गया है. दिल्ली में सबसे प्रदूषित डीटीयू दिल्ली है यहां का AQI 458 दर्ज हुआ है. गाजियाबाद और नोएडा का AIR QUALITY INDEX भी रेड जोन में दर्ज किया गया है.
दिल्ली के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
दिल्ली के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
अलीपुर
353
शादीपुर
420
डीटीयू दिल्ली
458
आईटीओ दिल्ली
429
सिरिफ्फोर्ट
419
मंदिर मार्ग
408
आरके पुरम
420
पंजाबी बाग
428
लोधी रोड
359
नॉर्थ कैंपस डीयू
363
CRRI मथुरा रोड
433
पूसा
355
IGI एयरपोर्ट टर्मिनल
343
जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम
402
नेहरू नगर
441
द्वारका सेक्टर 8
401
पटपड़गंज
438
डॉक्टर कर्णी सिंह शूटिंग रेंज
417
अशोक विहार
400
सोनिया विहार
381
जहांगीरपुरी
405
रोहिणी
405
विवेक विहार
437
नजफगढ़
287
मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम
419
नरेला
388
ओखला फेस टू
424
बवाना
368
श्री औरबिंदो मार्ग
406
मुंडका
379
आनंद विहार
454
IHBAS दिलशाद गार्डन
278
चांदनी चौक
404
गाजियाबाद के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
गाजियाबाद के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
वसुंधरा
440
इंदिरापुरम
401
संजय नगर
312
लोनी
349
नोएडा के इलाकों का प्रदूषण स्तर-
नोएडा के इलाके
वायु प्रदूषण स्तर
सेक्टर 62
423
सेक्टर 125
374
सेक्टर 1
385
सेक्टर 116
406
Air quality Index की श्रेणी:एयर क्वालिटी इंडेक्स (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
(PM) 2.5 और (PM) 10 की बढ़ोतरी: वरिष्ठ सर्जन डॉ. बीपी त्यागी बताते हैं कि हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 समेत कई प्रकार की गैस (सल्फरडाइऑक्साइड, कार्बनडाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड) की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषित हो जाती है. पार्टिकुलेट मैटर (PM) 2.5 और (PM) 10 नाक के रास्ते होते हुए साइनस (Sinus) में जाते हैं. साइनस द्वारा बड़े पार्टिकुलेट मैटर को फिल्टर कर लिया जाता है जबकि छोटे कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से (Bronchioles) तक पहुंच जाते हैं.
Sinusitis और Bronchitis का खतरा: डॉ. त्यागी के मुताबिक पार्टिकुलेट मैटर साइनस में जब अधिक मात्रा में इकट्ठा होते हैं तब साइनोसाइटिस (Sinusitis) का खतरा बढ़ जाता है. जबकि यह कण फेफड़ों के आखिरी हिस्से तक पहुंचते हैं तो उससे ब्रोंकाइटिस (Bronchitis) का खतरा बढ़ जाता है. ब्रोंकाइटिस के चलते शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है. शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर कई प्रकार की परेशानी सामने आती है.