नई दिल्ली:दिल्ली नगर निगम की पिछली बैठक हंगामे के चलते महज 5 मिनट ही चल पाई थी, लेकिन इस बीच 50 से ज्यादा प्रस्ताव बिना चर्चा के पास किए गए थे. इस बार निगम की सदन में बैठक 29 नवंबर को होगी. इसके लिए 22 महत्वपूर्ण प्रस्ताव एजेंडे में शामिल हैं, जिन पर सदन में चर्चा होनी है. हालांकि, एजेंडा सार्वजनिक होने के साथ ही कई प्रस्तावों को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने है. आशंका है कि सदन की बैठक कहीं फिर से हंगामे की भेंट न चढ़ जाए.
पूर्व महापौर कमलजीत सहरावत ने कहा कि निगम की एक व्यवस्था होती है, जिसमें जनरल कमेटी, स्टैंडिंग कमेटी हर डिपार्टमेंट के लोग शामिल होते हैं. स्टैंडिंग कमेटी के अनुसार प्रस्ताव आते हैं. फिर हाउस उनके ऊपर डिसीजन लेता है. उन्होंने कहा कि निगम के चुनाव 4 दिसंबर 2022 को हुए थे. 1 साल होने के बावजूद भी स्थिति यह है कि कोई भी कमेटी का गठन नहीं हुआ है. प्रस्ताव सीधे सदन के अंदर लेकर आ रहे हैं. उसके ऊपर चर्चा भी नहीं होती है.