नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) का कल यानी बुधवार को फैसले का दिन है. अलग-अलग क्षेत्रों में 42 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं. कड़े सुरक्षा इंतजाम के बीच सुबह 8 बजे मतगणना (Counting of votes) शुरू होगी. माना जा रहा है कि दोपहर एक बजे तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. पहले पोस्टल बैलट की गिनती होगी. पहला रुझान सुबह 8.30 बजे तक आएगा.
वोटों की गिनती को लेकर सुरक्षा के बेहद खास और कड़े इंतजाम किए गए हैं. सभी केंद्रों की निगरानी ड्रोन कैमरे से की जाएगी. मतदान केंद्र के बाहर के रास्तों पर ट्रैफिक डायवर्ट किया गया है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा की गई है और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की 20 कंपनियां और 10,000 से अधिक पुलिस कर्मियों को केंद्रों पर तैनात किया गया है.
पिछली बार से 3% कम पड़े थे वोटःरविवार को दिल्ली नगर निगम के 250 वार्डों के लिए 50.74 फीसदी मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जो पिछले चुनाव से कम है. सबसे अधिक मतदान बख्तावरपुर मे 65.74% और सबसे कम मतदान एंड्रयूगंज 33.74% हुआ. पिछले तीन एमसीडी चुनावों की बात की जाए तो साल 2007 में वोटिंग प्रतिशत महज 43.24 था, जो 2012 में बढ़कर 53.39 प्रतिशत पहुंच गया. जबकि, 2017 में हुए आखिरी एमसीडी चुनाव में मतदान प्रतिशत में मामूली सुधार के साथ 53.55 रहा था.
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1,349 उम्मीदवार थे मैदान में: MCD चुनाव के लिए 1349 उम्मीदवार जोर-आजमाईश कर रहे थे. इनमें 709 महिला प्रत्याशी थीं. BJP और AAP ने सभी 250 सीटों पर अपने-अपने कैंडिडेट उतारे हैं, जबकि कांग्रेस के 247 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे रहे थे. JDU 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही थी, तो AIMIM ने 15 कैंडिडेट उतारे थे. BSP ने 174, NCP ने 29, इंडियन मुस्लिम लीग ने 12, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) ने 3, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने 4, और सपा, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने एक-एक सीट पर प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. इसके अलावा 382 निर्दलीय प्रत्याशी थे.
13,638 मतदान केंद्रों पर हुई थी वोटिंग: चुनाव आयोग ने पूरी दिल्ली में 13,638 मतदान केंद्र बनाए थे. इनमें लगभग 1 लाख कर्मचारियों को तैनात किया गया था. वोटर्स की सुविधाओं के लिए 68 मॉडल मतदान केंद्र और 68 पिंक मतदान केंद्र बनाए गए. इन पोलिंग बूथ पर कुल 40 हजार जवानों की तैनाती की गई थी. चुनाव में 56,000 EVM मशीन का इस्तेमाल किया गया था. बूथों पर चुनाव आयोग ने पारदर्शी तरीके से मतदान के लिए CCTV लगवाए थे.
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15 साल से MCD पर BJP का था कब्जा: BJP ने 2007 के MCD चुनावों में जीत हासिल की थी, तब केंद्र और दिल्ली दोनों में कांग्रेस की सरकार थी, लेकिन भाजपा 2008 में दिल्ली विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकी. इस दौरान शीला दीक्षित रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में लौटीं थीं. भाजपा ने 2012 में फिर से MCD चुनाव जीता. हालांकि 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में हार गई. इस साल अरविंद केजरीवाल ने सरकार बनाई थी. हालांकि उनकी सरकार 49 दिन ही चली. इसके बाद दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया. 2017 में हुए MCD चुनाव भी भाजपा ने जीते. इस दौरान AAP दूसरे स्थान पर रही. हालांकि AAP ने 2018 में दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत लिया.