नई दिल्ली: अभी कुछ दिनों पहले ही तो सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के मामले में फैसला लेने का अधिकार दिया था. 11 मई को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद भी दिल्ली सरकार अब तक एक भी अधिकारी का ट्रांसफर नहीं कर पाई है, क्योंकि इसके लिए सर्विसेज विभाग सचिव के आदेश की जरूरत होती है, लेकिन दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने तो 11 मई को ही सर्विसेज विभाग सचिव आशीष मोरे को हटाने का फैसला दे दिया था. उन्हें इस बात की सूचना भी दी गई, लेकिन अधिकारी सरकार के आदेश को ही अनदेखा करते रहे.
शुक्रवार को दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि "सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को फैसला सुनाते हुए कहा था कि दिल्ली में सर्विसेज विभाग से जुड़े फैसले में एलजी दखल नहीं देंगे, लेकिन एलजी दखल दे रहे हैं. 17 मई को उनके पास सर्विसेज़ सेक्रेटरी की फाइल साइन होने के लिए गई. आज 19 मई हो गई वह फाइल साइन होकर नहीं आई. यह चल क्या रहा है? एलजी चाहते क्या हैं? एलजी सूत्रों से पता चला है कि केंद्र सरकार आर्डिनेंस लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने वाली है. एलजी ऑफिस से दिल्ली सरकार के अधिकारियों को धमकाया जा रहा है. अधिकारी दबाव में हैं. मैं और मेरे साथ दिल्ली सरकार में अन्य मंत्री एलजी से मिलेंगे और कहेंगे की फाइल जल्दी साइन कर दे."
यहां बताते चले कि एक कार में बैठकर सौरभ भारद्वाज, आतिशी, कैलाश गहलोत एलजी आवास एलजी से मिलने गए हैं. वहां दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय भी पहुंचे और अन्य मंत्री भी आए.