नई दिल्ली:दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने अपने कार्यों को डिजिटलाइज (DMRC Digitalization) करने की एक बड़ी पहल की है. DMRC ने इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर (IPMS) कहे जाने वाले एक कस्टम-मेड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर का विकास किया है. ताकि DMRC अपने फेज़-4 के कॉरिडोर तथा पटना मेट्रो के कार्यों की प्रगति को मॉनिटर कर सके.
समय से किया जा सकेगा अपलोड
IPMS के माध्यम से प्रोजेक्ट प्लानिंग के सभी चरणों और टेंडर के चरण से लेकर प्रत्येक कॉरिडोर के रेवेन्यू ऑपरेशन तक के चरण की मॉनिटरिंग होगी. इसके साथ वर्क फ्रंट की उपलब्धता संबंधी मुद्दों जैसे भूमि की उपलब्धता, वृक्षारोपण तथा सेवाओं की शिफ्टिंग और डिजाइन के स्टेटस की मॉनिटरिंग भी डिजिटल तरीके से की जा सकेगी. इस उद्देश्य से कॉरिडोर-वार मास्टर कंस्ट्रक्शन शेड्यूल तैयार करके उसे IPMS पर अपलोड किया जा चुका है ताकि उसे मॉनिटर करने करने में कोई दिक्कत ना हो.
कोविड संबंधी बाधाओं के बाद भी DMRC द्वारा फेज-IV का निर्माण कार्य जारी
मोबाइल एप्लीकेशन से हो सकेगा संचालन
विशेष तौर पर डिजाइन किए गए डैशबोर्ड और एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से प्रबंधन के शीर्ष स्तर से लेकर जूनियर इंजीनियर के स्तर तक रोल बेस्ड एक्सेस की व्यवस्था की गई है. प्रोजेक्ट की प्रगति डैशबोर्डों के साथ ही साथ 3डी मॉडल्स में भी देखी जा सकती है. यह सॉफ्टवेयर इस साल अप्रैल में लांच किया गया था, जिसका इस्तेमाल सौंपे जा चुके तथा जारी कांट्रेक्ट पैकेजों की प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए किया जा रहा है. चूंकि कार्य क्रमिक रूप से सौंपे जाते हैं, उन्हें आईपीएमएस में शामिल किया जाता है.
DMRC: पिंक लाइन मेट्रो को जोड़ने के लिए विशेष तकनीक का इस्तेमाल, जल्द मिलेगा तोहफा