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डिजिटिलाइजेशन की ओर अग्रसर DMRC, सॉफ्टवेयर से करेगी फेज़-IV के कार्यों की मॉनिटरिंग

दिल्ली मेट्रो ने इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर (IPMS) कहे जाने वाले एक कस्टम-मेड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर का विकास किया है. जिससे फेज़-4 के कॉरिडोर तथा पटना मेट्रो के कार्यों की प्रगति को ऑनलाइन मॉनिटर किया जा सकेगा.

DMRC सॉफ्टवेयर के माध्यम से करेगी फेज़-IV के कार्यों की मॉनिटरिंग
DMRC सॉफ्टवेयर के माध्यम से करेगी फेज़-IV के कार्यों की मॉनिटरिंग

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Published : Jul 4, 2021, 1:30 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने अपने कार्यों को डिजिटलाइज (DMRC Digitalization) करने की एक बड़ी पहल की है. DMRC ने इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर (IPMS) कहे जाने वाले एक कस्टम-मेड प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर का विकास किया है. ताकि DMRC अपने फेज़-4 के कॉरिडोर तथा पटना मेट्रो के कार्यों की प्रगति को मॉनिटर कर सके.

समय से किया जा सकेगा अपलोड
IPMS के माध्यम से प्रोजेक्ट प्लानिंग के सभी चरणों और टेंडर के चरण से लेकर प्रत्येक कॉरिडोर के रेवेन्यू ऑपरेशन तक के चरण की मॉनिटरिंग होगी. इसके साथ वर्क फ्रंट की उपलब्धता संबंधी मुद्दों जैसे भूमि की उपलब्धता, वृक्षारोपण तथा सेवाओं की शिफ्टिंग और डिजाइन के स्टेटस की मॉनिटरिंग भी डिजिटल तरीके से की जा सकेगी. इस उद्देश्य से कॉरिडोर-वार मास्टर कंस्ट्रक्शन शेड्यूल तैयार करके उसे IPMS पर अपलोड किया जा चुका है ताकि उसे मॉनिटर करने करने में कोई दिक्कत ना हो.

DMRC सॉफ्टवेयर के माध्यम से करेगी फेज़-IV के कार्यों की मॉनिटरिंग.

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मोबाइल एप्लीकेशन से हो सकेगा संचालन
विशेष तौर पर डिजाइन किए गए डैशबोर्ड और एक मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से प्रबंधन के शीर्ष स्तर से लेकर जूनियर इंजीनियर के स्तर तक रोल बेस्ड एक्सेस की व्यवस्था की गई है. प्रोजेक्ट की प्रगति डैशबोर्डों के साथ ही साथ 3डी मॉडल्स में भी देखी जा सकती है. यह सॉफ्टवेयर इस साल अप्रैल में लांच किया गया था, जिसका इस्तेमाल सौंपे जा चुके तथा जारी कांट्रेक्ट पैकेजों की प्रगति की मॉनिटरिंग के लिए किया जा रहा है. चूंकि कार्य क्रमिक रूप से सौंपे जाते हैं, उन्हें आईपीएमएस में शामिल किया जाता है.

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वन क्लिक से होंगे काम आसान

फेज़-3 तक डीएमआरसी की प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग का कार्य ऑफलाइन किया जा रहा था. इस नई प्रौद्योगिकी के चालू हो जाने से DMRC के इंजीनियर अब इस डेडीकेटेड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कार्य की प्रगति पर नज़र रख सकते हैं. विशेष तौर पर डिजाइन किए गए डैशबोर्डों से कंस्ट्रक्शन के समस्त प्रमुख कार्यों की प्रगति को देखा जा सकेगा तथा केवल एक बटन दबाकर उनकी स्थिति की जांच की जा सकेगी.

दिल्ली मेट्रो फेज़-IV का विकास.

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भारत में विकसित हुआ है सॉफ्टवेयर
इस सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन से प्रोजेक्ट की चौबीसों घंटे आसानी से मॉनिटरिंग की जा सकेगी. क्योंकि IPMS पोर्टल को कहीं से भी मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर आदि से एक्सेस किया जा सकता है. इससे रिकॉर्ड कीपिंग तथा इंजीनियरों के बीच जानकारी को साझा करना भी आसान होगा. DMRC का वेंडर पेमेंट पोर्टल, जिसमें वेंडरों को किए जाने वाले भुगतानों की समस्त अपेक्षित जानकारी होती है, उसको भी आने वाले समय में इस प्लेटफॉर्म से जोड़ा जाएगा. भारत की तीन कंपनियों के एक समूह को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है और भारतीय इंजीनियरों द्वारा यह सॉफ्टवेयर अपने ही देश में विकसित किया गया है.

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