नई दिल्ली: दिल्ली में प्रदूषण से लगातार हालात बिगड़ते हुए नजर आ रहे हैं. इन हालातों को देखते हुए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने शुक्रवार शाम 6 बजे राजनिवास में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई. इसमें उपराज्यपाल ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पर्यावरण मंत्री गोपाल राय को बुलाया था. साथ ही उन्होंने दिल्ली की जनता से अपील की है कि जितना संभव हो सके, बाहर जाने से बचें.
LG से मुलाकात के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया, "काफी विस्तार से बातचीत हुई. हमने निवेदन किया है कि एक निर्देश जारी किया जाए कि जो भी वरिष्ठ अधिकारी हैं वो सक्रियता के साथ काम करें. हमने निवेदन किया है कि पड़ोसी राज्यों से बात करके और सबके सहयोग से इस पर (प्रदूषण रोकथाम) काम किया जाए. खासतौर से हमने सभी अधिकारियों को निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है कि अधिकारी सरकार का बायकॉट ना करें और मिलकर काम करें. केंद्र सरकार के कहने पर सभी अधिकारी निष्क्रिय हो रहे हैं. यदि निष्क्रिय होंगे तो कार्यान्वयन एक चुनौती बन जाएगी."
बैठक में यह लिए गए निर्णय
- सरकार के सभी विभागों/एजेंसियों को अपने कार्यक्षेत्र से बढ़कर अपनी गतिविधियों में प्रदूषण में कमी लाने को प्राथमिकता देने का निर्देश.
- पर्यावरण विभाग लोगों के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा और बच्चों और बुजुर्गों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहेगा.
- लोगों से अपील की जाए कि वे जहां तक संभव हो घर के अंदर रहें, बेवजह यात्रा करने से बचें और यदि आवश्यक हो तो सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें, जिससे सड़कों पर यातायात कम हो और उत्सर्जन और धूल प्रदूषण भी कम हो.
- GRAP के संबंध में CAQM उपायों को जमीन पर सख्ती से लागू किया जाएगा, जिसका अनुपालन सभी संबंधित विभागों और अधिकारियों द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा.
- यदि आवश्यक हो तो सभी मैकेनाइज्ड रोड स्वीपर, वॉटर स्प्रिंकलर और एंटी-स्मॉग गन (स्टेटिक, मोबाइल और ऊंची इमारतों पर) का अधिकतम उपयोग किया जाना चाहिए, यहां तक कि डबल शिफ्ट में भी.
- स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि अस्पतालों में सभी सुविधाएं शहर के किसी भी निवासी, जिसे इसकी जरूरत हो, के लिए हमेशा तैयार रहें.
- पराली जलाए जाने की घटनाओं के लिए जिम्मेदार पड़ोसी राज्यों, विशेष रूप से पंजाब, जहां पर एक नवंबर को पराली जलाने की कुल 2684 घटनाओं में से 1921 (71.57 प्रतिशत) हुईं, के किसानों को फसल अवशेष जलाने पर रोक लगाने की अपील करने का निर्णय लिया गया.
- पंजाब के अलावा हरियाणा में पराली जलाने के 99, उत्तर प्रदेश में 95 और राजस्थान में 60 मामले सामने आए.
एक्सपर्ट बोले- सावधान रहेंःसेना में एक दशक से अधिक काम कर चुके बाल विशेषज्ञ डॉ. भूपिंदर पासी ने ETV भारत से बात करते हुए कहा, "हवा की गुणवत्ता बेहद खतरनाक है और किसी के लिए भी खुद को पूरी तरह से सुरक्षित रखना असंभव है. आप एयर प्यूरीफायर का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन अंततः जिस हवा में आप सांस ले रहे हैं वह बेहद जहरीली है. प्यूरीफायर केवल इस जहरीली हवा के प्रभाव को कम करता है. इस प्रदूषित हवा में सांस लेने के बाद निकट भविष्य में अधिक बच्चों में अस्थमा और श्वसन संबंधी एलर्जी विकसित होने की संभावना है और लोगों को सुबह जल्दी या देर शाम को बाहर न निकलने की सलाह दी.
सर गंगा राम अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरेन गुप्ता ने कहा, "प्रदूषण वयस्कों की तुलना में बाल आयु वर्ग को अधिक प्रभावित करने वाला है. एक बार जब आप गर्भावस्था में इसके संपर्क में आ जाते हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना होती है कि अजन्मा नवजात बाद में एलर्जी हो जाएगी. शैशवावस्था में, फेफड़ों और अन्य क्षेत्रों में रीमॉडलिंग होती है. इसका प्रभाव उनके जीवन पर पड़ता है. आजकल हर सड़क धूम्रपान क्षेत्र की तरह है. यह न केवल उन रोगियों को प्रभावित करता है जिन्हें एलर्जी है या अस्थमा है बल्कि सामान्य लोगों को भी प्रभावित करता है.."