दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

मोहल्ला क्लीनिकों में अब 1 जनवरी से 450 टेस्ट फ्री होंगे, एलजी ने दी मंजूरी - delhi latest news

दिल्ली सरकार के मोहल्ला क्लीनिकों में टेस्टिंग सर्विस को और आउटसोर्सिंग (outsourcing of testing service in Mohalla clinics) करने के प्रस्ताव को एलजी वीके सक्सेना ने मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही उन्होंने पिछले 3 साल में लैब टेस्ट की गुणवत्ता को लेकर एसेसमेंट स्टडी कराने की सलाह भी दी है.

outsourcing of testing service in Mohalla clinics
outsourcing of testing service in Mohalla clinics

By

Published : Dec 29, 2022, 9:27 AM IST

Updated : Dec 29, 2022, 10:52 AM IST

मोहल्ला क्लीनिकों में अब 1 जनवरी से 450 टेस्ट फ्री होंगे, एलजी ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिकों में टेस्टिंग सर्विस को और आउटसोर्सिंग (outsourcing of testing service in Mohalla clinics) करने के लिए दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी है. हालांकि इसे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डायग्नोस्टिक सेवाओं को मजबूत करने के बजाए प्राइवेट आउटसोर्सिंग का प्रयास मानते हुए उन्होंने गंभीर आपत्ति भी जताई है. प्रस्ताव के तहत 3 प्राइवेट वेंडर मोहल्ला क्लिनिकों को डायग्नोस्टिक सेवाएं देंगे. उपराज्यपाल ने कहा है कि पुराना अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है ऐसे में प्रस्ताव मंजूर करने के अतिरिक्त और कोई विकल्प नहीं है.

उपराज्यपाल ने समय कम होने के चलते टेस्टिंग सर्विस की आउटसोर्सिंग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. लेकिन फाइल पर अपनी टिप्पणी में कहा है कि 2022 में मोहल्ला क्लीनिकों की संख्या 450 से बढ़कर 519 हो जाने के बावजूद मरीजों की संख्या 3,416 (वर्ष 2021) प्रति महीना से कम होकर इस साल 1,824 मरीज प्रति महीना हो गई है. मरीजों की संख्या तो कम हुई, मगर 2021 में 6,30,978 टेस्ट हर महीने से बढ़कर 2022 में 9,30,000 टेस्ट प्रति महीने हो गए. उपराज्यपाल ने पिछले 3 साल में लैब टेस्ट की गुणवत्ता को लेकर एसेसमेंट स्टडी कराने की सलाह भी दी है.

दिल्ली सरकार का मोहल्ला क्लीनिक

इससे पहले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में लैब सेवाओं के लिए अनुबंध 31 दिसंबर को खत्म हो रहा है. नए अनुबंध पर तुरंत स्वीकृति की जरूरत है, ताकि नए साल में 1 जनवरी से फिर से काम शुरू हो वरना सभी अस्पतालों में टेस्ट बंद हो जाएंगे. उपराज्यपाल कार्यालय की ओर से बताया गया कि दिल्ली कैबिनेट के 28 जुलाई के फैसले में यह तय किया गया था कि सरकारी अस्पतालों, डिस्पेंसरी, पॉलीक्लिनिक और हेल्थ कैंप में पुराने पैटर्न पर ही जोकि मोहल्ला क्लीनिकों में दिसंबर 2019 से चल रहा है, डायग्नोस्टिक सेवाएं आउट सोर्स की जाएंगी. कैबिनेट ने इसके लिए तीन प्राइवेट बिल्डर भी चुने, इसी को उपराज्यपाल के सामने 12 दिसंबर को रखा गया था.

अब उपराज्यपाल कार्यालय के बयान में कहा गया है कि, मोहल्ला क्लीनिकों में चलने वाली डायग्नोस्टिक सेवाओं के लिए प्राइवेट वेंडर का अनुबंध दो साल का होता है और इसे दो बार बढ़ाया गया है. अब इसे और एक्सटेंशन देना मुमकिन नहीं था. समय पर निर्णय नहीं लेने की स्पष्ट चूक के कारण और अगस्त में बहुत पहले निर्णय लेने के बावजूद सहमति के लिए उपराज्यपाल को फाइल नहीं भेजी गई. जब कोई निर्णय नहीं लिया गया तब भी वह मीडिया में कुछ ऐलान करते रहें, जिसके बाद शर्मिंदगी से बचने के लिए 12 दिसंबर को फाइल उपराज्यपाल को भेजी.

यह भी पढ़ें-दिल्ली के उपराज्यपाल ने किया आईएसबीटी और हनुमान मंदिर शेल्टर होम का दौरा किया

मनीष सिसोदिया ने 24 दिसंबर को केवल 8 कार्य दिवसों में उपराज्यपाल को पत्र लिखकर मंजूरी का अनुरोध किया था. बता दें कि 12 दिसंबर को दिल्ली वालों को नए साल का तोहफा देते हुए दिल्ली सरकार ने अपने सभी अस्पतालों में 450 तरह के टेस्ट मुफ्त करने का फैसला लिया था. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों और मोहल्ला क्लिनिक में 238 से अधिक जांच के लिए निःशुल्क व्यवस्था करने के स्वास्थ्य विभाग के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. वर्तमान में सरकार द्वारा मुफ्त में उपलब्ध कराए जाने वाले चिकित्सा परीक्षणों की संख्या 212 है. मुख्यमंत्री ने अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में 238 और जांच निःशुल्क करने के स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी, उसके बाद फाइल उपराज्यपाल को भेजी गई थी.

यह भी पढ़ें-दिल्ली में अब रात में भी होगा पोस्टमार्टम, सरकार का बड़ा फैसला

Last Updated : Dec 29, 2022, 10:52 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details