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Biggest Samosa of Delhi: यहां मिलता है दिल्ली का सबसे बड़ा समोसा, चार लोगों के लिए होता है काफी

वैसे तो दिल्ली के छोले-कुलचे से लेकर मोमोज तक सभी फेमस हैं, लेकिन इन सबके अलावा यहां एक और चीज फेमस है समोसा. हम बात कर रहे हैं, दिल्ली के सबसे बड़े समोसे की, जिसे बनाया जाता है कनॉट प्लेस के एक रेस्टोरेंट में. तो आइए जानिए कब से बनाया जा रहा है ये समोसा और इसके पीछे की पूरी कहानी..

this restaurant makes biggest samosa of delhi
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Published : Jun 23, 2023, 8:36 AM IST

Updated : Jun 23, 2023, 6:32 PM IST

दिल्ली का सबसे बड़ा समोसा

नई दिल्ली:समोसे का नाम सुनते ही हर व्यक्ति के मुंह में पानी आने लगता है. और हो भी क्यों न, चटनी से लेकर चाय तक ये सभी के ही साथ उम्दा जो लगता है. तो अगर आप भी समोसे के शौकीन हैं, तो इस वीकेंड अपने परिवार के साथ दिल्ली में मिलने वाले सबसे बड़े समोसे का आनंद ले सकते हैं. ये समोसा इतना फेमस है कि दूर-दूर से लोग इसका स्वाद लेने यहां आते हैं. यहां शाम के वक्त समोसे के लिए लंबी लाइन लगती है. इतना ही नहीं, कई बड़ी राजनीतिक हस्तियां भी इस समोसे के दीवाने हैं. तो आइए जानते हैं कि कहां मिलता है ये समोसा.

दरअसल, ये समोसा दिल्ली के कनॉट प्लेस में सन् 1948 से संचालित एंबेसी रेस्टोरेंट में मिलता है. इस समोसे को चार लोग आराम से खा सकते हैं. अगर वजन की बात करें तो यह लगभग 500 ग्राम का होता है. हां एक विशेष बात और, अगर आप ये समोसा रेस्टोरेंट में बैठकर खाते हैं तो आपको इसके 204 रुपए चुकाने होंगे, लेकिन बाहर बने टेक अवे काउंटर से आप इसे मात्र 80 रुपए में खरीद सकते हैं. कीमत में इस अंतर की वजह यह है कि एसी रेस्टोरेंट में सर्विस का चार्ज भी देना पड़ता है.

रेस्टोरेंट के ओनर रजनीश बहल से 'ईटीवी भारत' ने इस समोसे के इतिहास, वजन और स्टफिंग को लेकर विस्तृत चर्चा की. उन्होंने बताया कि यहां वेजिटेबल समोसे के अलावा मटन कीमा समोसा भी परोसा जाता है. इसका वजन 400 ग्राम से 500 ग्राम रहता है. साथ ही रेस्टोरेंट के कई व्यंजन काफी फेमस हैं, लेकिन टेक अवे काउंटर पर सबसे ज्यादा डिमांड समोसे की ही रहती है. शाम होते ही यहां काउंटर के बाहर लोगों की लाइन देखने को मिलती है. इसके अलावा रेस्टोरेंट के हर व्यंजन में सीक्रेट मसाले डाले जाते हैं, जिसे अनुभवी बावर्चियों द्वारा तैयार किया जाता है.

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कब हुई स्थापना:हिंदुस्तान और पाकिस्तान के विभाजन के बाद इस रेस्टोरेंट को 1948 दिल्ली में खोला गया था, जब पीएन मल्होत्रा और जीके घई अपने परिवार के साथ कराची से दिल्ली आए थे. दोनों ने मिलकर इस रेस्टोरेंट की शुरुआत की, जिसके बाद यहां का स्वाद दिल्लीवासियों के साथ यहां आने वाले विदेशियों के भी सिर चढ़कर बोलने लगा.

राजनेताओं के नाश्ते और टी टाइम का मुख्य अड्डा: बीते8 जून को ही एंबेसी रेस्टोरेंट ने अपनी 75वीं सालगिरह मनाई. रजनीश बहल ने बताया कि यहां कई राजनीतिक हस्तियों का अक्सर आना जाना होता है और चाय पर चर्चा के साथ सियासी रणनीतियां तैयार होती हैं. इसके अलावा यहां कई बिजनेस मीट होने के साथ ऐसे बहुतेरे परिवार आते हैं, जो अपने बच्चों को दिखाते हैं कि वो अपने बचपन में यहां आया करते थे.

खास है स्टफिंग:एंबेसी रेस्टोरेंट में 16 वर्षों से काम करने वाले बावर्ची ने बताया कि समोसे की स्टफिंग बनाने के दौरान काफी ध्यान दिया जाता है. इतने वर्षों से काम करने के कारण अब उनका अंदाज बिलकुल सटीक हो गया है, जिससे समोसे को तौलने पर इसका वजन 500 ग्राम के आसपास ही आता है. इसके अलावा रेस्टोरेंट में सिग्नेचर दाल मीट, पुडिंग और भटूरे भी मिलते हैं, जिसे लोग बड़े चाव से खाते हैं.

कैसे पहुंचें:यह रेस्टोरेंट कनॉट प्लेस के ई ब्लॉक में स्थित है. दिल्ली मेट्रो के ब्लू लाइन के राजीव चौक के गेट नंबर 4 से यह रेस्टोरेंट बिल्कुल नजदीक पड़ता है.

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Last Updated : Jun 23, 2023, 6:32 PM IST

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