दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली जल बोर्ड सीएजी से अपने खातों की जांच कराने को तैयार, हाई कोर्ट को दी जानकारी - Delhi High Court

Delhi high court: दिल्ली जल बोर्ड भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) से अपने खातों की जांच कराने को तैयार है. उसने दिल्ली हाई कोर्ट को ये जानकारी दी है.

Etv Bharat
Etv Bharat

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 28, 2023, 10:32 AM IST

Updated : Nov 28, 2023, 11:42 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि उसने अपने छह साल के खातों को जांच के लिए भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) को भेज दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान डीजेबी की ओर से पेश वकील ने कहा कि 2015-16 से लेकर 2020-21 तक के वार्षिक खाते तैयार कर लिए गए हैं और उन्हें सीएजी को भेज दिया गया है.

ये भी पढ़ें:दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा के लिए पर्याप्त पुलिस बल तैनात करें, दो गेटों पर करें चेकिंग

दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट दिल्ली जल बोर्ड का 2015 से लेकर इस वर्ष तक की वार्षिक बैलेंस शीट मेंटेन करने की मांग करनेवाली याचिका पर सुनवाई कर रही है.
इस संबंध में बीजेपी नेता हरीश खुराना ने याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील समृद्धि अरोड़ा ने कहा है कि दिल्ली वाटर बोर्ड एक्ट की धारा 70 के मुताबिक दिल्ली जल बोर्ड को अपने लाभ और हानि का बैलेंस शीट मेंटेन करना होता है. उन्होंने मांग की कि दिल्ली जल बोर्ड को निर्देश दिया जाए कि वह 2015 से लेकर 2021 तक की बैलेंस शीट जारी करे.

याचिका में मांग की गई है कि सीएजी को निर्देश दिया जाए कि वह एक तय समय में दिल्ली जब बोर्ड के खातों का ऑडिट करे. पहले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार और दिल्ली जल बोर्ड की ओर से पेश वकील संजय घोष ने कहा था कि ये याचिका एक राजनीतिक दल के नेता की ओर से दायर की गई है, जिनके राजनीतिक हित हैं. उन्होंने कहा था कि आडिट का काम चल रहा है.

याचिका में कहा गया है कि दिल्ली वाटर बोर्ड एक्ट की धारा 70 के मुताबिक वार्षिक खाते को मेंटेन करना अनिवार्य है. इन खातों की सीएजी हर साल ऑडिट करेगी. याचिका में कहा गया है कि 11 मई, 24 मई, 22 जुलाई को आरटीआई के जरिये दायर आवेदन के जवाब में कहा गया है कि 2015-16 से लेकर आगे का बैलेंस शीट तैयार किया जा रहा है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली जब बोर्ड और सीएजी दोनों दिल्ली वाटर एक्ट की धारा 70 के मुताबिक अपना संवैधानिक दायित्व निभाने में विफल रहे हैं. वार्षिक वित्तीय खातों को मेंटेन करना पारदर्शिता बरकरार रखने के लिए जरूरी है.

ये भी पढ़ें:26 माह का गर्भ हटाने की युवती की अर्जी पर हाई कोर्ट ने एम्स से तलब किया स्टेटस रिपोर्ट

Last Updated : Nov 28, 2023, 11:42 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details