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राजधानी में ट्रेन में बाइक को लगेज के रूप में किया जाता है बुक, जानें वहज, फायदे और नुकसान - अपनी बाइक को लगेज के रूप में ले जाना पड़ेगा

In Delhi bike is booked as luggage in train: देश में दिल्ली एक ऐसा राज्य है जहां आप अपनी बाइक को अपने स्थान अपने गृह जनपद ले जाना चाहतें हैं तो आपको अपनी बाइक को लगेज के रूप में ले जाना पड़ेगा. जबकि बाकी राज्यों में बाइक पार्सल के रूप में भेजी जाती है. लगेज के लिए ट्रेन का कंफर्म टिकट आपके पास होना चाहिए तभी बाइक को आप अपने साथ ले जा सकेंगे.

दिल्ली ऐसा राज्य जहां बाइक की ट्रेन में लगेज के रूप में बुकिंग
दिल्ली ऐसा राज्य जहां बाइक की ट्रेन में लगेज के रूप में बुकिंग

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 22, 2023, 12:19 PM IST

दिल्ली ऐसा राज्य जहां बाइक की ट्रेन में लगेज के रूप में बुकिंग

नई दिल्ली :देश मे दिल्ली ऐसा राज्य है जहां से यदि कोई बाइक को देश के किसी भी राज्य में ट्रेन से भेजना चाहता है तो लगेज के रूप में बुकिंग करनी होती है. इसके लिए यात्री के पास उस ट्रेन का कंफर्म टिकट होना चाहिए. मोटरसाइकिल यात्री के नाम होनी चाहिए. तभी बुकिंग होगी. जबकि अन्य जगहों पर ऐसा नहीं है. यदि आप ट्रेन में सफर नहीं कर रहे हैं तो भी बाइक को पार्सल के रूप में बुकिंग कर ट्रेन के माध्यम से एक से दूसरे स्थान पर भेज सकते हैं.

ट्रेन की कंफर्म टिकट होने पर ही ले जा सकेंगे बाइक
यदि दिल्ली से कोई व्यक्ति बाइक को किसी अन्य राज्य में भेजना चाहता है तो उसे ट्रेन की कंफर्म टिकट लेनी पड़ती है. सफर करना पड़ता है. सफर के दौरान ही लगेज के रूप में बाइक को ट्रेन से दूसरे स्थान पर भेजा जाता है. दिल्ली के सोनिया विहार के रहने वाले जितेंद्र ने बताया कि उन्हें अपनी बाइक अपने गृह जनपद सुल्तानपुर भेजनी है लेकिन उनके पास कंफर्म टिकट नहीं है .जिसकी वजह से वह अपनी बाइक नहीं भेज पा रहे हैं. उनका कहना है कि आप ट्रेन में कंफर्म टिकट तलाश रहे हैं तो टिकट मिलने के बाद ही वह अपनी बाइक गृह जनपद ले जा सकेंगे.
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दिल्ली में पार्सल के रूप में नहीं होती वाहनों की बुकिंग :
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार के मुताबिक दिल्ली में आए दिन वाहनों की चोरी होती है. वर्ष 2007 में वाहन चोरों के गिरोह ने 250 बाइक चोरी की और बाइक ट्रेन में पार्सल कर दिया. बाइक गुवाहाटी में गाड़ियां पकड़ी गईं थी. इसके बाद से दिल्ली में ट्रेनों में बाइक को लगेज के रूप में बुक किया जाता है. जिसके नाम पर मोटरसाइकिल है. ट्रेन में उसकी कंफर्म टिकट होनी चाहिए. तब ही ट्रेन में मोटरसाइकिल की लगेज के रूप में बुकिंग होती है.

बुकिंग के लिए वाहन के आरसी की भी जरूरत :

बुकिंग के लिए वाहन के आरसी की भी जरूरत होती है. लगेज और पार्सल की बुकिंग में यह अंतर है कि लगेज ट्रेन में यात्री के साथ जाता है और पार्सल बुक कर आदमी घर चला जाता है. ट्रेन के जरिए पार्सल गंतव्य तक पहुंच जाता है, जिसे रेलवे रसीद दिखाकर गंतव्य के स्थान से कोई भी पार्सल रिसीव कर सकता है. बता दे कि दिल्ली में नई दिल्ली, पुरानी दिल्ली, हजरत निजामुद्दीन, आनंद विहार और सराय रोहिल्ला रेलवे स्टेशन से लगेज और पार्सल की बुकिंग होती है.

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लगेज बुक करने के क्या है फायदे :
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक मोटरसाइकिल को लगेज के रूप में बुक करने का भी फायदा है. लगेज को गंतव्य के स्टेशन पर पहुंचने पर 24×7 कभी भी रसीद दिखाकर ले सकते हैं लेकिन पार्सल को वर्किंग डे में सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे के बीच ही रसीद दिखा कर लिया जा सकता है.

बाइक पैकिंग के लिए दिया गया टेंडर :
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक मोटरसाइकिल को ट्रेन में भेजने से पहले उसमें पेट्रोल नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही अन्य कई नियम हैं. बीती 1 दिसंबर को रेलवे की ओर से रेलवे स्टेशनों पर मोटरसाइकिलों की पैकिंग के लिए 69 लख रुपए का टेंडर जारी किया गया. टेंडर लेने वाली कंपनी मोटरसाइकिल को अच्छी तरह पैकिंग करती है जिससे कोई नुकसान ना हो.

पैकिंग के नियम और किराया :
- मोटरसाइकिल में पेट्रोल नहीं होना चाहिए और नंबर प्लेट दिखनी चाहिए
- साइड मिरर निकाला होना चाहिए हेडलाइट और टूटने वाले सामान्य अच्छी तरह पैक हो
- 350 सीसी तक के वाहन का 350 रुपये और 350 सीसी से अधिक के वाहन का 450 रुपये प्रति क्विंटल किराया है.
- सिर्फ दिल्ली में ही मोटरसाइकिल को लगेज के रूप में बुक किया जाता है,जबकि अन्य राज्यों में पार्सल के रूप में.

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