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इहबास अस्पताल के खाली पदों पर जल्द हो बहाली, HC का निर्देश - aap

सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील देवेंद्र वर्मा ने कहा कि इहबास ने 45 डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए 1 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए इहबास अस्पताल प्रशासन को इन नियुक्तियों में तेजी लाने का निर्देश दिया.

delhi highcourt says for Immediate reinstatement of vacant posts of Ihabas Hospital
इहबास अस्पताल के खाली पदों पर जल्द हो बहाली

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Published : Sep 2, 2020, 3:47 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के शाहदरा स्थित इहबास अस्पताल को डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के खाली पड़े पदों पर जल्द भर्ती करने का निर्देश दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच को इहबास अस्पताल ने बताया कि उसने अस्पताल में खाली पदों पर भर्ती की प्रक्रिया शुरु कर दी है.

इहबास अस्पताल के खाली पदों पर जल्द हो बहाली
नियुक्ति के लिए नोटिस जारी किया


सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील देवेंद्र वर्मा ने कहा कि इहबास ने 45 डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए 1 सितंबर को नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके बाद हाईकोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए इहबास अस्पताल प्रशासन को इन नियुक्तियों में तेजी लाने का निर्देश दिया. याचिका वकील अमित साहनी ने दायर किया था. याचिका में कोरोना संकट की वजह से मनोरोगियों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए इहबास अस्पताल में नियुक्तियों की मांग की गई थी.


डॉक्टर और फैकल्टी मेंबर दे रहे इस्तीफा


याचिका में कहा गया था कि इहबास अस्पताल में डॉक्टरों का प्रमोशन नहीं होने की वजह से डॉक्टर और फैकल्टी मेंबर इस्तीफा दे रहे हैं. पिछले दस सालों से डॉक्टरों और फैकल्टी मेंबर का प्रमोशन नहीं हुआ है. वर्तमान में इहबास में केवल 25 फैकल्टी मेंबर हैं जबकि यहां फैकल्टी मेंबर की स्वीकृत संख्या 103 है.

याचिका में कहा गया था कि कोरोना संकट की वजह से काफी लोगों का रोजगार चला गया है और लोग समाज से अलग-थलग पड़ गए हैं. इसकी वजह से लोग डिप्रेशन में जा रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में मनोरोगियों की संख्या और खुदकुशी के मामलों में इजाफा हो रहा है. देश में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर संकट आ सकता है.


याचिका में कहा गया था कि मानसिक रुप से स्वस्थ हुए बिना कोई पूर्ण रुप से स्वस्थ नहीं रह सकता है. मानसिक स्वास्थ्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इस ओर देश और दुनिया के नीति-निर्माताओं को ध्यान देने की जरुरत है. इहबास एक प्रतिष्ठित मानसिक आरोग्यशाला है. यह अस्पताल सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश के बाद स्थापित किया गया था.

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