नई दिल्ली:कोर्ट की नियमित सुनवाई की मांग करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल को पत्र लिखा हैं. पत्र में कहा गया है कि सरकारी दफ्तर, बाजार और शॉपिंग मॉल खुल गए हैं, लेकिन दिल्ली की अदालतों में पिछले 4 महीने से कामकाज निलंबित है.
दिल्ली हाईकोर्ट खोलने के लिए बार एसोसिएशन ने लिखा पत्र मानसिक और आर्थिक दबाव झेल रहे वकील
पत्र में कहा गया है कि दिल्ली की अदालतों में लंबे समय से कामकाज लंबित होने की वजह से वकीलों को मानसिक और आर्थिक दबाव झेलना पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में अदालतों का नियमित कामकाज शुरू करना प्राथमिकता होना चाहिए. हाईकोर्ट को भी वैसी ही गाइडलाइन जारी करनी चाहिए जैसा केंद्र सरकार ने अनलॉक के लिए जारी की थी. इससे वकीलों के बड़े समुदाय के जीवनयापन पर असर नहीं पड़ेगा.
वीडियो कांफ्रेंसिंग में आती समस्याएं
पत्र में कहा गया है कि केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की अनुमति देने का दूरगामी असर होगा और इससे अदालतों में काफी मामले लंबित हो जाएंंगे. पत्र में कहा गया है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग की अपनी एक सीमा है.
इसका इस्तेमाल करने वाले वकीलों को कई तकनीकी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. जैसे सुनवाई के दौरान इंटरनेट की स्पीड कम हो जाना और अचानक कनेक्टिविटी खत्म हो जाना. इसके अलावा वकील और पक्षकारों के बीच मामले की पूरी जानकारी ना होने की वजह से भी कोर्ट का बहुमूल्य समय बर्बाद हो जाता है.
नियमित सुनवाई के लिए सुझाव
दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अदालतों की नियमित सुनवाई के लिए कुछ सुझाव भी दिए है. दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुझाव दिया है की शुरुआती दौर में सीमित बेंच के जरिए सुनवाई की जाए.
सुनवाई होने वाले मामलों का समय निर्धारित कर दिया जाए और उसी के मुताबिक कोर्ट में प्रवेश भी सीमित कर दिया जाए. हर कोर्ट में नए मामलों की सुनवाई की सीमा तय की जाए.
कोर्ट की सुनवाई शुरू करने के पहले अपनाई जाने वाली मानक प्रक्रिया को सार्वजनिक और उसका पर्याप्त प्रचार किया जाए. दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने पत्र में लिखा है वह मानक प्रक्रिया के प्रचार-प्रसार में पूर्ण सहयोग करेगा और वकीलों को ई-मेल, एसएमएस और सोशल मीडिया के जरिए जानकारी देगा.