नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने यूट्यूबर पत्रकार श्याम मीरा सिंह को चेतावनी दी है कि अगर वे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की ओर से दायर मानहानि केस की कोर्ट कार्यवाही को लेकर ट्वीट करते रहे तो उनके खिलाफ अवमानना की प्रक्रिया शुरु की जा सकती है. जस्टिस जसमीत सिंह ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 जनवरी को तय की है.
जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि कोर्ट की गरिमा होती है. आप कोर्ट को हल्के में नहीं ले सकते हैं. अदालत किसी को कुछ भी करने को मजबूर नहीं करती, बल्कि कानून के मुताबिक आदेश पारित करती है. दरअसल गुरमीत राम रहीम ने 17 दिसंबर 2023 को श्याम मीरा सिंह के यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो को लेकर मानहानि का केस दायर किया है. वीडियो का शीर्षक था ‘गुरमीत राम रहीम ने अपने भक्तों को कैसे बेवकूफ बनाया?’
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गुरमीत राम रहीम ने याचिका दायर कर कहा है कि श्याम मीरा सिंह ने अपने वीडियो में जो आरोप लगाए हैं वे प्रथम दृष्टया भ्रामक और मानहानिकारक हैं. याचिका में कहा गया है कि ये वीडियो जानबूझकर उस समय अपलोड किया गया है जब राम रहीम की अपील पर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होती है.
सुनवाई के दौरान श्याम मीरा सिंह की ओर से पेश वकील ने कहा कि वे पत्रकार हैं. उन्होंने जो वीडियो अपलोड किया था वह रिसर्च के आधार पर बनाया गया है. ये वीडियो एक दूसरे पत्रकार अनुराग त्रिपाठी द्वारा लिखी गई पुस्तक पर आधारित है. लेकिन राम रहीम ने अनुराग त्रिपाठी पर कोई केस नहीं किया.
उन्होंने कहा कि अगर हाईकोर्ट वीडियो को हटाने का आदेश देता है तो ये एक गलत नजीर बनेगी. इससे पहले की सुनवाई के दौरान श्याम मीरा सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सलमान खुर्शीद ने कहा कि दोनों पक्ष एक साथ बैठेंगे और देखेंगे कि वीडियो में मानहानि वाले अंश क्या हैं और उन पर क्या कुछ किया जा सकता है. उन्होंने एक हलफनामा के जरिये कहा था कि जब तक दोनों पक्षों में कोई चर्चा नहीं होती तब तक वीडियो प्राईवेट मोड में रहेगा.
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