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दिल्ली हाईकोर्ट : अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के अधिकारों में राज्य कर सकता है हस्तक्षेप - Delhi High Court

सेंट स्टीफन कॉलेज को ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों में अनारक्षित सीटों पर दाखिला के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय की नीतियों को मानना होगा. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि संविधान का अनुच्छेद 30(1) पूर्ण नहीं है. राज्य नियम बना सकता है. विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेज के लिए उसके मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है.

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Published : Sep 13, 2022, 4:06 PM IST

Updated : Sep 13, 2022, 4:21 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंट स्टीफन कॉलेज को ग्रेजुएशन पाठ्यक्रमों (St. Stephen's College Graduation Courses) में अनारक्षित सीटों पर दाखिला लेते समय दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दाखिला नीतियों का अनुसरण करने और सीयूईटी 2022 के अंकों को 100 प्रतिशत तरजीह दिए जाने का निर्देश दिया है. (High Court's decision on admission in St. Stephen's College) कोर्ट ने स्पष्ट किया कि संविधान में वर्णित अनुच्छेद 30 की धारा 1 के तहत अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों के अधिकारों में राज्य हस्तक्षेप कर सकता है. साथ ही किसी विश्वविद्यालय से जुड़े अल्पसंख्यक महाविद्यालय को विश्वविद्यालय से जुड़ी दाखिला नीतियों का ही पालन करना होगा.

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सेंट स्टीफन कॉलेज की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई :कोर्ट सेंट स्टीफन कॉलेज की ओर से दाखिल एक याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें अनारक्षित सीटों पर महाविद्यालय की ओर से सीयूईटी के अंकों को 85 फीसदी, जबकि साक्षात्कार को 15 फीसदी वरीयता के आधार पर प्रवेश नीति बताई गई थी. मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि डीयू ईसाई समुदाय से संबंधित उम्मीदवारों के दाखिले के लिए एक भी मेरिट सूची तैयार करने पर जोर नहीं दे सकता है, चाहे वे किसी भी संप्रदाय आदि के हों.

गैर-अल्पसंख्यक सीट पर दाखिले के लिए नहीं दिए गए अधिकार : न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत अल्पसंख्यक संस्थान को दिया गया मौलिक अधिकार गैर-अल्पसंख्यक सीट पर दाखिले के लिए नहीं दिया जा सकता है. अल्पसंख्यक संस्थानों को मानदंडों और प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों को उक्त विश्वविद्यालय के मानदंडों और प्रक्रिया का पालन करना चाहिए. अनुच्छेद 30 (1) के तहत संरक्षण को इस हद तक बढ़ाया जा सकता है जिससे अल्पसंख्यक संस्थान अल्पसंख्यक समुदाय को दिए गए आरक्षण को उप-वर्गीकृत कर सकें.

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Last Updated : Sep 13, 2022, 4:21 PM IST

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