नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के चारों ओर स्थित वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई छेड़छाड़ नहीं करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. जस्टिस संजीव सचदेवा ने 29 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई करने का निर्देश दिया.
वक्फ बोर्ड ने अपनी याचिका में कहा है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट और उससे जुड़े निर्माणों के दौरान वक्फ संपत्तियों के आकार-प्रकार में कोई बदलाव नहीं करने का दिशा निर्देश जारी किया जाए.
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याचिकाकर्ता की ओर से वकील वजीह शफीक ने कहा कि वक्फ बोर्ड एक संवैधानिक संस्था है जो वक्फ बोर्ड एक्ट की धारा 13 के तहत गठित की गई है. दिल्ली वक्फ बोर्ड को दिल्ली स्थित अपनी संपत्तियों के प्रबंधन और नियंत्रण का अधिकार है.
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हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि वक्फ की संपत्तियां काफी प्राचीन और इबादत के महत्वपूर्ण स्थल हैं. इस बात की आशंका जताई गई है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के लिए वक्फ की संपत्तियों के आकार-प्रकार में छेड़छाड़ की जाएगी. इस प्रोजेक्ट को सुप्रीम कोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इसे राष्ट्रीय महत्व का प्रोजेक्ट बताया था.