नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जब केरल में अस्पतालों के इलाज के लिए रेट तय हो सकते हैं तो इस मॉडल के लागू करने पर विचार होना चाहिए. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार से ये बातें पूछी.
सरकार को उपभोक्ताओं के बारे में भी सोचना चाहिए
सुनवाई के दौरान ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की कीमत तय करने के मामले पर जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि इसमें मांग और आपूर्ति का नियम लागू नहीं हो सकता है. सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए. इसकी कीमत की एक सीमा होनी चाहिए. तब केंद्र सरकार की ओर से वकील कीर्तिमान सिंह ने कहा कि इनकी कीमत निर्यातक तय करते हैं. अलग-अलग ब्रांड, साइज इत्यादि के ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स की कीमतें अलग-अलग होती हैं.
तब कोर्ट पूछा कि रेट फिक्स करने का आप कोई फॉर्मूला क्यों नहीं बनाते हैं. इस पर कीर्तिमान सिंह ने कहा कि अधिकतम मूल्य पर हमेशा भ्रम रहता है क्योंकि रेट हमेशा बदलते रहते हैं. जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि ये जवाब नहीं हुआ, इस पर काम कीजिए. हम हाथ हवा में खड़ा कर नहीं कह सकते हैं कि इसका रेट फिक्स नहीं हो सकता है.
जस्टिस विपिन सांघी ने कहा कि कीमत सस्ती होनी चाहिए. किल्लत का फायदा नहीं उठाया जाना चाहिए. सरकार को उपभोक्ताओं के बारे में भी सोचना चाहिए.
रेट तय करने का फार्मूला तय हो
कीर्तिमान सिंह ने कहा कि उपकरणों की वैश्विक स्तर पर कमी है. अगर आज हम कीमतें तय कर देंगे तो सप्लायर जो भी सप्लाई कर रहे हैं वे नहीं करेंगे. तब कोर्ट ने कहा कि आप किस आधार पर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स की रेट तय करेंगे उसका फार्मूला तय कीजिए. आप रुपये पैसे में तय मत कीजिए बल्कि आप रेट तय करने का फार्मूला तय कीजिए. इस पर कीर्तिमान सिंह ने समय देने की मांग की.