नई दिल्लीः हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि कोरोना के रैपिड एंटिजेन टेस्टिंग के लिए इस्तेमाल किए गए स्वैब के सुरक्षित निस्तारण संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि अगर स्वैब के सुरक्षित निस्तारण संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया गया, तो वे दोबारा कोर्ट आ सकते हैं.
'टेस्ट में इस्तेमाल किए गए स्वैब खुले में फेंका जा रहा है'
पिछले 1 दिसंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार के वकील को इस मामले में सरकार का पक्ष बताने का निर्देश दिया था. याचिका वकील पंकज मेहता ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि कोरोना टेस्टिंग से संबंधित कचरे को खुले में फेंक दिया जाता है.
याचिका में कहा गया था कि दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के डीएम ऑफिस के पास इस्तेमाल किए गए स्वैब का ढेर लगा हुआ है और वहीं टेस्टिंग भी की जाती है जो काफी खतरनाक है. इस बारे में जब शिकायत की गई, तो जांच करने वाले काउंटर पर बैठने वाले डॉक्टर ने कहा कि ये सभी स्वैब कोरोना निगेटिव लोगों के हैं, इसलिए वहां खड़े होना खतरनाक नहीं है.