नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने रिज इलाके में कार्यालय का भवन बनाने और एक नए सड़क के निर्माण की अनुमति देने पर वन विभाग को फटकार लगाई है. जस्टिस जसमीत सिंह की बेंच ने कहा कि वन विभाग का रिज मैनेजमेंट बोर्ड रिज डिजॉल्विंग बोर्ड की तरह काम कर रहा है. दरअसल, रिज मैनेजमेंट बोर्ड ने 11 दिसंबर की बैठक में आईटीबीपी के महानिदेशक और सेंट्रल रिकॉर्ड आफिस के दफ्तर के लिए 2847 एकड़ भूमि पर आरके पुरम में भवन बनाने की अनुमति दे दी थी. इसके अलावा इग्नू से लेकर साउथ एशियन यूनिवर्सिटी तक के लिए सड़क निर्माण की भी अनुमति दी गई थी.
हाईकोर्ट ने इस फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा कि एक तरफ रिज मैनेजमेंट बोर्ड रिज एरिया की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई रही है, वहीं वो कई स्थानों पर निर्माण की अनुमति दे रही है. आखिर ये रिज मैनेजमेंट बोर्ड है या रिज डिजॉल्विंग बोर्ड है. बता दें कि 15 दिसंबर को कोर्ट ने गैर-अतिक्रमित वन क्षेत्र को संरक्षित वन घोषित नहीं करने पर वन विभाग को फटकार लगाई थी.
कोर्ट ने कहा था कि सात हजार हेक्टेयर रिज इलाके में से केवल 96 हेक्टेयर को ही संरक्षित वन घोषित किया गया है. कोर्ट ने कहा था कि उसके आदेश के बावजूद वन विभाग ने गैर-अतिक्रमित वन क्षेत्र क संरक्षित घोषित नहीं किया. वन विभाग के हलफनामे पर नाखुशी जताते हुए कोर्ट ने कहा था कि रिज इलाके को अतिक्रमण मुक्त करने को लेकर कोई समय-सीमा नहीं बताई गई है. लगता है कि वन विभाग रिज इलाके को बचाने की इच्छुक नहीं है. कोर्ट ने कहा था कि रिज इलाके को बचाने की हरसंभव कोशिश होनी चाहिए.
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