नई दिल्ली: जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनवाई की. कोर्ट ने छात्रों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक की मांग ठुकरा दी. साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को 4 फरवरी तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 4फरवरी को होगी.
जब कोर्ट ने छात्रों के खिलाफ गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया तो चीफ जस्टिस डीएन पटेल की कोर्ट में ही कुछ वकीलों ने शर्म, शर्म के नारे लगाए. चीफ जस्टिस बिना कोई प्रतिक्रिया दिए अपने चैम्बर में चले गए.
एसआईटी के गठन की मांग
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि इस पूरे मामले की जांच के लिये एक एसआईटी का गठन किया जाए. जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के जज करें. दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि वो छात्रों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करे.
'यूनिवर्सिटी में पुलिस जबरन घुसी'
याचिकाकर्ता ने कहा कि जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस जबरन घुसी और लाइब्रेरी एरिया में लाठीचार्ज और फायरिंग की. साथ ही आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया. इनकी संख्या 450 थी. 2012 के बाद सबसे भारी मात्रा में टियर गैस का इस्तेमाल किया गया.
'52 छात्र घायल हुए'