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दिल्ली यूनिवर्सिटी को 14 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा शुरू करने का आदेश

दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) को निर्देश दिया कि वो 14 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करें.

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Published : Aug 17, 2020, 5:58 PM IST

delhi high court ordered to delhi university for offline examination
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को आज शाम तक ओपन बुक एग्जामिनेशन को लेकर मिली शिकायतों को शिकायत निवारण कमेटी को देने का निर्देश दिया है. आज सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने बताया कि वो सितंबर के अंत तक परीक्षा का रिजल्ट घोषित करेगा. जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि वो 14 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करें.

डीयू को 14 सितंबर तक ऑफलाइन परीक्षा शुरू करने का आदेश

सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि वो 20 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करना चाहती है. तब हाईकोर्ट ने कहा कि जब ओपन बुक एग्जामिनेशन अगस्त में खत्म हो जाएगा तो सितंबर के अंत तक ऑफलाइन परीक्षा क्यों ले रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ओपन बुक एग्जामिनेशन का डाटा बताता है कि आधे से भी कम छात्रों ने परीक्षा में हिस्सा लिया है. इसलिए ऑफलाइन परीक्षा 8 सितंबर से आयोजित करें. लेकिन दिल्ली यूनिवर्सिटी इस पर तैयार नहीं हुआ. तब कोर्ट ने 14 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने का आदेश दिया.

शिकायत निवारण कमेटी को लेकर लगाई फटकार

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से पूछा कि शिकायत निवारण कमेटी ने काम करना शुरू किया कि नहीं. तब शिकायत निवारण कमेटी के एक सदस्य बीबी गुप्ता ने कहा कि उन्हें आज ही ई-मेल का पासवर्ड मिला है. इस पर कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाते हुए कहा कि जब कमेटी पर कोई रोक नहीं थी, तो आपने कमेटी का काम रोकने की कोशिश की और जब हमने आदेश पारित कर दिया तब भी आप वही कर रहे हैं.

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि कमेटी ने काम करना शुरू कर दिया है. तब कोर्ट ने कहा कि नहीं, ऐसा नहीं है. आपने पासवर्ड नहीं दिया जिसकी वजह से कमेटी की बैठक नहीं हो सकी. आपने अपनी छवि ऐसी बनाई है कि आप कमेटी को काम नहीं करने दे रहे हैं.

'प्रश्नपत्र गलत पूछे गए'

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि 358 रजिस्टर्ड दिव्यांग छात्रों में से 308 ने परीक्षा देने की कोशिश की और 258 ने आंसर शीट को अपलोड करने के लिए पोर्टल का इस्तेमाल किया. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा कि कुछ छात्रों ने अपनी शिकायतें भेजी हैं, जिसका हमने जवाब भेजा है. तब कोर्ट ने अखबारों की खबरों को उद्धृत करते हुए कहा कि प्रश्नपत्र ही गलत थे. तब दिल्ली यूनिवर्सिटी ने पूछा कि कोर्ट के समक्ष क्या कोई वास्तविक परीक्षार्थी है. तब कोर्ट ने कहा कि हम छात्रों को कोर्ट के समक्ष नहीं लाना चाहते हैं. इस केस में जो याचिकाकर्ता है वो भी आज परीक्षा दे रहे हैं.

'सितंबर के पहले सप्ताह तक प्रोविजनल सर्टिफिकेट दें'

कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को आदेश दिया कि वो छात्रों को सितंबर के पहले सप्ताह तक प्रोविजनल सर्टिफिकेट उपलब्ध कराएं. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इसके खिलाफ दलीलें देते हुए कहा यूजीसी ने 30 सितंबर तक परीक्षा पूरी करने का निर्देश दिया है. तब कोर्ट ने यूजीसी से पूछा कि आपने क्या निर्देश दिया है. तब यूजीसी की ओर से पेश वकील ने कहा कि इसके लिए हमें निर्देश लेना होगा. तब याचिकाकर्ता ने कहा कि विदेश में आवेदन करनेवाले छात्रों के लिए एक सिस्टम बनाना चाहिए कि सितंबर के पहले सप्ताह तक प्रोविजनल सर्टिफिकेट मिल जाए.

शिकायत निवारण कमेटी को दिया था आदेश

पिछले 14 अगस्त को कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को शिकायत निवारण कमेटी को कार्यशील करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि कमेटी दिल्ली यूनिवर्सिटी के अधिकारियों की मदद ले सकता है. पिछले 7 अगस्त को जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने ओपन बुक एग्जामिनेशन को हरी झंडी देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रतिभा रानी के नेतृत्व में पांच सदस्यी शिकायत निवारण कमेटी गठित करने का आदेश दिया था.

10 अगस्त से शुरू हो चुका ओपन बुक एग्जामिनेशन

हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद पिछले 10 अगस्त से दिल्ली यूनिवर्सिटी की ओर से ओपन बुक एग्जामिनेशन शुरू हो चुकी है. पिछले 7 अगस्त को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने ओपन बुक एग्जामिनेशन के संचालन के तौर-तरीकों पर चिंता जताते हुए दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि छात्रों की शिकायतों पर गौर करने के लिए गठित शिकायत निवारण कमेटी की अध्यक्षता दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस प्रतिभा रानी करेंगी.

कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया था कि शिकायत निवारण अधिकारी छात्रों के ई-मेल का 48 घंटे के अंदर शिकायत निवारण करते हुए जवाब देंगे. अगर वे 48 घंटे के भीतर शिकायत का निवारण नहीं करते हैं, तो संबंधित शिकायत को शिकायत निवारण कमेटी को रेफर कर दिया जाए.

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