नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट की ओर से वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को अवमानना मामले में एक रुपये के जुर्माने के मामले पर वकीलों का कहना है कि प्रशांत भूषण इस फैसले पर पुनर्विचार की अपील कर सकते हैं. अगर वे ऐसा करते हैं तो हो सकता है कि कोर्ट की अवमानना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत दिशा-निर्देश आए.
अरुण गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ये नागवार लगा कि न्यायपालिका का हिस्सा होते हुए भी प्रशांत भूषण ने चीफ जस्टिस के खिलाफ टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि प्रशांत भूषण का ट्वीट प्रतीकात्मक था. उन्होंने कोई व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की. प्रशांत भूषण के पास सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का विकल्प है. अगर ऐसा होता है तो ऐसा संभव है कि वकीलों से लेकर पत्रकारों तक के लिए कोर्ट की अवमानना पर एक विस्तृत दिशा-निर्देश आए.
'सुप्रीम कोर्ट भी सुधारता है अपनी गलतियां'