नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को सुकेश चंद्रशेखर की याचिका पर तिहाड़ जेल के अधिकारियों को नोटिस जारी किया. सुकेश ने जेल अधिकारियों की ओर से दी गई सजा को चुनौती दी गई थी. जेल अधिकारियों ने एक आदेश जारी कर उसे एक मई से 15 मई, 2023 तक फैमिली मीटिंग्स, फोन कॉल्स और कैंटीन सुविधाओं का उपयोग करने से रोक दिया है.
न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने नोटिस जारी किया और याचिका पर रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले को आगे की सुनवाई 28 अप्रैल को होगी. अतिरिक्त स्थायी वकील नंदिता राव ने नोटिस को स्वीकार कर लिया. सुकेश के वकील अनंत मलिक ने तर्क दिया कि सुनवाई के बिना दो सजा टिकट जारी किए गए थे. यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का उल्लंघन है. यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि याचिकाकर्ता की मां का परिवार बेंगलुरु में रहता है. सजा पर रोक लगाई जानी चाहिए.
जेल प्रशासन ने किया विरोधः दूसरी ओर अतिरिक्त स्थायी वकील (एएसडी) नंदिता राव ने इसका विरोध किया और तर्क दिया कि मामले में कोई तात्कालिकता नहीं है. उन्होंने कहा कि वह एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी. याचिकाकर्ता ने अदालत से प्रार्थना की है कि वह जेल उपाधीक्षक कारागार, मंडोली के कार्यालय द्वारा पारित 17 अप्रैल के आदेश को रद्द करने के साथ-साथ उसके निष्पादन पर रोक लगा दे. याचिका में कहा गया है कि जेल उपाधीक्षक ने मनमाने ढंग से गलत तरीके से और बिना किसी दिमाग के आवेदन के याचिकाकर्ता के खिलाफ कैंटीन सुविधा और मुलाकात, फोन कॉल सुविधा से 15 दिनों के लिए वंचित करने के लिए दो दंड टिकट दिए हैं.