नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली की सभी निचली अदालतों में पर्याप्त सुरक्षा के मामले पर सुनवाई करते हुए निचली अदालतों की सभी बार एसोसिएशंस को निर्देश दिया है कि वे 29 अक्टूबर तक अपने सुझाव दाखिल कर दें. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि 29 अक्टूबर के बाद किसी को अपने सुझाव दाखिल करने का मौका नहीं दिया जाएगा.
सोमवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से ASG चेतन शर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली की अदालतों में सुरक्षा के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं. 30 सितंबर को रोहिणी कोर्ट में फायरिंग के मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली की सभी निचली अदालतों में पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती की जरूरत है.
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस, केंद्र और दिल्ली सरकार और दिल्ली के सभी बार एसोसिएशनों को नोटिस जारी कर सुझाव मांगा था. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुझाव देने का निर्देश दिया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि ये गंभीर मसला है और इस पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है.
चीफ जस्टिस ने कहा कि वकीलों की जब चेकिंग की जाती है तो हमेशा विरोध होता है. ये विरोध इसलिए नहीं कि वे नहीं चाहते कि उनकी चेकिंग हो बल्कि सभी जल्दबाजी में रहते हैं. इसलिए इस मसले पर भी विचार करने की जरूरत है. कोर्ट परिसरों में पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती की जरूरत है. पर्याप्त संख्या में CCTV कैमरे लगाए जाएं जो 24 घंटे चालू रहें.