नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने हत्या के मामले में जेल में बंद एक कैदी को इलाज के लिए चार हफ्ते की अंतरिम जमानत दिया है. जस्टिस संजीव सचदेवा ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई के बाद ये आदेश दिया.
कोर्ट ने तय की जमानत की शर्तें
कोर्ट ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी अंतरिम जमानत की अवधि में दिल्ली के बाहर नहीं जाएगा और अगर उसे इलाज के लिए दिल्ली के बाहर जाने की जरूरत पड़ी तो वह जाने के पहले इसकी सूचना जांच अधिकारी को देगा. कोर्ट ने आरोपी को अपना पासपोर्ट जांच अधिकारी को सौंपने का आदेश दिया. कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वो अपना और अपने जमानती का फोन नंबर जांच अधिकारी को देगा. कोर्ट ने आरोपी को निर्देश दिया कि वो गवाहों को प्रभावित नहीं करेगा. कोर्ट ने चार हफ्ते के बाद जेल अधीक्षक के समक्ष सरेंडर करने का निर्देश दिया है.
2011 में उस्मानपुर में हत्या के मामले में जेल में था
आरोपी पिर्थी सिंह के खिलाफ 2011 में न्यू उस्मानपुर में एक हत्या के मामले में एफआईआर दर्ज की गई थी. आरोपी की ओर से वकील गौरव कोचर ने कहा कि उस मामले में एक सरकारी गवाह के बयान के बाद उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. उन्होंने कहा कि आरोपी की उम्र 61 साल की है और उसे हाईपरटेंशन और हार्ट की बीमारी है. वर्तमान संकट में उसे कोरोना के संक्रमण की संभावना है. याचिका में इलाज कराने के लिए दो महीने की अंतरिम जमानत की मांग की गई थी.
मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद जमानत दी गई
कोर्ट ने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद पाया कि उसका इलाज जीटीबी अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग में चल रहा था. जीटीबी अस्पताल ने उसे राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में आगे के इलाज के लिए रेफर किया था. राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ने उसे माइल्ड लेफ्ट वेंट्रिकुलर हाईपरट्रोफी बताया. अस्पताल ने उसका इलाज शुरु किया था उसके बावजूद उसका ब्लड प्रेशर काफी बढ़ा हुआ था. कोर्ट ने आरोपी की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद उसे चार हफ्ते की अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.