नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने जेबीटी भर्ती घोटाले में 10 साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की पैरोल 12 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दी है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच चौटाला की जल्द रिहाई की मांग पर 12 अप्रैल को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सिंगल बेंच ने डिवीजन बेंच को किया था रेफर
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को इस मामले से संबंधित रिकॉर्ड दाखिल करने का निर्देश दिया. पिछले 23 फरवरी को कोर्ट ने चौटाला की पैरोल 9 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया था. 20 फरवरी को जस्टिस योगेश खन्ना की सिंगल बेंच ने इस याचिका को डिवीजन बेंच में ट्रांसफर कर दिया था. कोर्ट ने ओम प्रकाश चौटाला की पेरोल 21 फरवरी से बढ़ाकर 23 फरवरी कर दिया था. 18 दिसंबर 2019 को कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वह ओमप्रकाश चौटाला की अर्जी पर नए सिरे से विचार करे. 2019 में हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के पहले के उस आदेश को निरस्त कर दिया था, जिसमें उसने चौटाला की समय पूर्व रिहाई की मांग को खारिज कर दिया था.
चौटाला ने दिया है खराब सेहत का हवाला
चौटाला ने उम्र और खराब सेहत का हवाला देकर समय से पहले रिहाई की गुहार लगाई है. चौटाला ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन का हवाला दिया है, जिसमें 60 वर्ष के ऊपर के पुरुष कैदियों की रिहाई की बात कही गई है. चौटाला की ओर से कहा गया है कि केंद्र सरकार के विशेष माफी संबंधी नोटिफिकेशन के तहत 60 साल के ऊपर के पुरुष कैदियों, 55 साल के ऊपर की महिला और ट्रांसजेंडर कैदियों की रिहाई की बात कही गई है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है. इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि 70 फीसदी से ज्यादा उन दिव्यांगों की भी रिहाई की जा सकती है, जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली है.