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एलन मस्क को पक्षकार बनाने की मांग करने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने किया खारिज - ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने टि्वटर अकाउंट सस्पेंड करने के मुद्दे पर इसके मालिक एलन मस्क को पक्षकार (Elon Musk a party) बनाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है. अदालत ने याचिका को खारिज करते हुए 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है.

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टि्वटर के मालिक एलन मस्क

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Published : Nov 4, 2022, 1:46 PM IST

नई दिल्ली:टि्वटर अकाउंट सस्पेंड करने के मुद्दे पर दायर विभिन्न याचिकाओं में ट्विटर के नए मालिक एलन मस्क (Twitter new owner Elon Musk) को पक्षकार बनाने की मांग को लेकर दायर याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने 25 हजार का जुर्माना लगते हुए खारिज कर (High Court dismisses plea) दिया. ट्विटर की ओर से खाता निलंबित करने खिलाफ कई याचिकाएं दायर हुई हैं. न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने कहा कि मामले में ट्विटर के प्रतिनिधि पेश हो रहे हैं, ऐसे में इस आवेदन को दाखिल करने का कोई औचित्य नहीं है, इसे खारिज किया जाता है. आवेदन में कहा गया था कि बोलने की स्वतंत्रता को लेकर मस्क का अलग रुख है, ऐसे में उनका पक्ष आना चाहिए.

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पीठ ने लगाया 25 हजार जुर्माना भी : न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की एकल पीठ ने आवेदन को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इस मामले में ट्विटर पहले से ही प्रतिनिधित्व कर रहा था. अदालत ने आदेश दिया, "यह आवेदन पूरी तरह से गलत है. प्राधिकरण का प्रतिनिधित्व किया जाता है और इसलिए इस आवेदन को स्थानांतरित करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. आवेदन को 25 हजार रुपये के जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाता है." वरिष्ठ अधिवक्ता साजन पूवैया ट्विटर के लिए पेश हुए और एलन मस्क को फंसाने का विरोध किया. डिंपल कौल ने पहले से लंबित याचिका में मस्क को प्रतिवादी के रूप में पेश करने के लिए आवेदन किया गया था. वकील मुकेश शर्मा के माध्यम से दायर और राघव अवस्थी की ओर से तर्क दिए गए आवेदन में कहा गया है कि ट्विटर अब मस्क के हाथों में चला गया है और यहां तक ​​​​कि इसके शेयरों का न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (एनवाईएसई) पर कारोबार नहीं किया जा रहा है. इसमें कहा गया है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर मस्क का बहुत अलग रुख है और उन्होंने बार-बार स्पष्ट किया है कि जब तक स्वतंत्र अभिव्यक्ति देश के कानून का उल्लंघन नहीं करता है, तब तक ट्विटर की ओर से इसे कम नहीं किया जाना चाहिए.

हाईकोर्ट ने 31 जनवरी को ही जारी किया था नोटिस: डिंपल कौल ने यह तर्क देते हुए याचिका दायर की थी कि उन्होंने साहित्य, महिलाओं के अधिकार, भारतीय संस्कृति, अहिंसा, समानता, राजनीति और इतिहास पर शिक्षा सामग्री पोस्ट करने के लिए अपने खाते का इस्तेमाल किया. नियमों और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन करते हुए बिना कोई नोटिस दिए उसका खाता निलंबित कर दिया गया था. यह उसके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार को प्रभावित करता है. हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर 31 जनवरी 2022 को नोटिस जारी किया था.

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