नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से मुख्यमंत्री/उप-राज्यपाल सहायता कोष से कोरोना सहायता पर किए गए खर्च का ब्यौरा मांगने वाली याचिका खारिज कर दी है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता वकील प्रत्युष प्रसन्ना और समित ठक्कर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है.
याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना
सुनवाई के दौरान जस्टिस जसमीत सिंह ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि चाय पीते-पीते आइडिया आया कि जनहित याचिका दायर करें और बिना किसी रिसर्च के याचिका दायर कर दी. ये पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन नहीं होकर पब्लिसिटी इंटरेस्ट लिटिगेशन है. उसके बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया.
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कोरोना के मद में किए गए खर्च की जांच की मांग
याचिका में मांग की गई थी कि मुख्यमंत्री सहायता कोष से कोरोना के मद में किए गए खर्च की जांच कोर्ट की निगरानी में हो. याचिका में कहा गया था कि कोरोना से लड़ने का दावा करने वाले दिल्ली सरकार के विज्ञापनों को तत्काल रोका जाए. दिल्ली के नागरिकों ने कोरोना से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में सहयोग किया ताकि स्वास्थ्य के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया जा सके.