नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा है कि वह छात्रों को डिग्रियां, मार्कशीट समेत दूसरे दस्तावेजों को डिजिटल सिग्नेचर के जरिये ऑनलाइन मोड से डिग्री देने के लिए प्रोटोकॉल बनाने के लिए तत्काल कदम उठाए. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच ने नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) को नोटिस जारी करते हुए उसके वरिष्ठ अफसर को 4 अगस्त को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया.
दिल्ली यूनिवर्सिटी को दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई फटकार डीन ऑफ एग्जामिनेशन कोर्ट में पेश हुए कोर्ट ने एनएडी को निर्देश दिया कि वो एनएडी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के बीच हुए करार की जानकारी दे. एनएडी केंद्र सरकार की डिजिटल डाटाबेस संस्था है जो एकेडमिक अवार्ड का डाटा संरक्षित रखती है. आज सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी के डीन ऑफ एग्जामिनेशन विनय गुप्ता और कंप्युटर सेंटर के संयुक्त निदेशक संजीव सिंह कोर्ट के सामने पेश हुए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि यूनिवर्सिटी ने डिग्रियों की प्रिंटिंग के लिए शॉर्ट टेंडर आमंत्रित किया है. दोनों ने कोर्ट को बताया कि डिग्रियों की प्रिंटिंग के लिए उन्होंने प्रक्रिया तेज कर दी है.
डिजिटल सिग्नेचर के जरिये डिग्री देने को कहा था
पिछले 22 जुलाई को कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कहा था कि वो डिजिटल सिग्नेचर के जरिये आनलाइन मोड से डिग्री देने पर विचार करे. कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कंप्युटर सेल और डीन ऑफ एग्जामिनेशंस को निर्देश दिया था कि वो छात्रों को डिग्रियां, मार्कशीट समेत छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए एक विशेष पोर्टल स्थापित करने पर विचार करें.
छात्रा ने दायर की है याचिका
याचिका लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज की एमबीबीएस छात्रा डॉक्टर अक्षिता खोसला की ओर से दायर की गई है. इन छात्रों ने 2018 में ग्रेजुएट किया था लेकिन उन्हें अभी तक डिग्री नहीं मिली है. याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील सार्थक मग्गन ने कहा कि डिग्री न मिलने की वजह से याचिकाकर्ता अमेरिका में अपने रेजीडेंस प्रोग्राम के लिए आवेदन नहीं कर पा रही है.
डिग्रियों की प्रिंटिंग के लिए प्रिंटर नहीं
पिछले 22 जुलाई को सुनवाई के दौरान दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि उसने डिग्रियों की प्रिंटिंग के लिए प्रिंटर देने के लिए टेंडर आमंत्रित करने की प्रक्रिया शुरु कर दिया है. यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कहा था कि 3 अगस्त से इस टेंडर के लिए बोली लगाने का काम शुरु हो जाएगा और अगस्त के पहले हफ्ते ही टेंडर को अंतिम रुप दे दिया जाएगा.
दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाई
कोर्ट ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप यह नहीं कह सकते कि आपके पास प्रिंटर नहीं है. आपको वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार करना चाहिए जिसमें डिजिटल सिग्नेचर के साथ ऑनलाइन डिग्री दी जा सकती है. अगर कोर्ट के डिजिटल सिग्नेचर के साथ आदेश उपलब्ध हो सकता है तो दिल्ली यूनिवर्सिटी ऐसा क्यों नहीं कर सकती है. उसके बाद कोर्ट ने दिल्ली युनिवर्सिटी के कंप्युटर सेल और एग्जामिनेशन के डीन को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था.