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Uphaar Fire Case: सबूतों से छेड़छाड़ मामले की याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने स्वीकारा, 18 जुलाई को सुनवाई

दिल्ली हाईकोर्ट ने उपहार अग्निकांड में सबूतों से छेड़छाड़ मामले में सुनवाई की. याचिका को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने पक्षकारों से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. अब मामले की अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी.

अंसल बंधुओं की रिहाई
अंसल बंधुओं की रिहाई

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Published : Apr 21, 2023, 7:28 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को उपहार सिनेमा अग्निकांड में सबूतों के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में दायर अपीलों पर जल्द सुनवाई की मांग करने वाली याचिका को स्वीकार कर लिया है. याचिका अग्निकांड पीड़ितों के एक समूह (एवीयूटी) ने दायर की है. इस मामले में दोषियों, राज्य और पीड़ितों ने सुनवाई के लिए कुल छह अपीलें दायर की है.

न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी की एकल पीठ ने एवीयूटी द्वारा दायर आवेदन को स्वीकार करते हुए सभी मामलों की सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख निर्धारित की है. पीठ ने मामले से संबंधित रजिस्ट्री को सभी प्रतिवादियों को ट्रायल कोर्ट रिकॉर्ड (टीसीआर) उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि पक्षकार चार हफ्ते के अंदर कोर्ट में अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं.

दोषियों के वकीलों ने किया याचिका का विरोधः घटना के दोषियों में शामिल सुशील अंसल, गोपाल अंसल और अन्य दोषियों के वकीलों ने कोर्ट में इस याचिका का विरोध किया. जबकि, दूसरी ओर याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि यह एक जरूरी मामला है, जिसमें मामले के सबूतों से छेड़छाड़ शामिल है. अपीलों को नियमित सूची की याचिका में शामिल किया गया है.

इससे पहले 25 जनवरी को हाईकोर्ट ने अंसल ब्रदर्स और अन्य को दिल्ली पुलिस द्वारा दायर एक पुनरीक्षण पर नोटिस जारी किया था. इस अपील में साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा जेल की सजा को सात साल से घटाकर आठ महीने करने के आदेश को चुनौती दी गई है.

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वहीं, दिल्ली पुलिस ने अंसल बंधुओं की रिहाई के लिए जिला और प्रधान न्यायाधीश द्वारा पारित जुलाई 2022 के आदेश को चुनौती दी है. इस आदेश में कोर्ट ने उनको हुई सजा में से जेल में पहले बिताए गए समय को घटाकर कुल सजा आठ महीने कर दी थी. पटियाला हाउस कोर्ट के मुख्य महानगर दंडाधिकारी ने नवंबर 2021 में अंसल बंधुओं को सात साल जेल की सजा सुनाई थी और जुर्माना भी लगाया था.

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इसी आदेश के खिलाफ अपील का फैसला करते हुए सत्र न्यायाधीश ने सजा को कठोर और कठिन बताया था. इसने सजा को उनकी उम्र के अनुपात में नहीं बताया, जिसके बाद सत्र न्यायाधीश के आदेश को एवीयूटी ने चुनौती दी थी. वहीं, अंसल बंधुओं ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आदेश को भी चुनौती दी है. यह अपीलें हाईकोर्ट में लंबित हैं. बता दें, 13 जून 1997 को हिंदी फिल्म बार्डर की स्क्रीनिंग के दौरान उपहार सिनेमा हाल में आग लग गई थी. इसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे.

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