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दिल्ली HC ने खारिज की ED की याचिका, LNJP के अलावा अन्य अस्पताल में सत्येंद्र जैन की मेडिकल जांच करने की थी मांग - DELHI NCR NEWS

दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येन्द्र जैन की एलएनजेपी के अलावा किसी अन्य अस्पताल में मेडिकल जांच कराने की ईडी की याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि मेरा मानना है कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए यहां कुछ भी नहीं बचा है.

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Published : Jul 11, 2023, 9:07 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि आप नेता सत्येंद्र जैन की चिकित्सीय जांच लोक नायक जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल के बजाय एम्स जैसे किसी अन्य अस्पताल में की जाए.

प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली हाईकोर्ट से अनुरोध किया था कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मंत्री सत्येंद्र जैन की मेडिकल जांच दिल्ली सरकार के अधीन लोक नायक जयप्रकाश अस्पताल के बजाए AIIMS, RML या सफदरजंग अस्पताल में कराई जाए. ईडी ने आशंका जताई है कि एलएनजेपी अस्पताल में बनाई गई रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ संभव है. ईडी ने अपनी याचिका में अदालत से कहा था कि एलएनजेपी अस्पताल दिल्ली सरकार के कंट्रोल में आता है. इसलिए ऐसी संभावना है कि जैन के मेडिकल रिपोर्ट में छेड़छाड़ की जाए.

ED की इस याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि चूंकि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसलिए हाई कोर्ट में फैसला सुनाने के लिए कुछ नहीं बचा है और याचिका खारिज कर दी. बता दें, पूर्व मंत्री जैन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में अंतरिम जमानत पर बाहर हैं, जिस पर 24 जुलाई को मामले की सुनवाई होनी है. ईडी का तर्क है कि जैन का अस्पताल पर प्रभाव था क्योंकि वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे. जस्टिस शर्मा ने कहा कि मेरा मानना है कि मामला अब सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, इसलिए यहां कुछ भी नहीं बचा है. पिछले साल जुलाई में ईडी द्वारा याचिका दायर करने के समय, जैन को एलएनजेपी में भर्ती कराया गया था.

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उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को पिछले साल 30 मई को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था. जैन को पहले पुलिस हिरासत में भेजा गया था और उसके बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. उन्होंने इस साल फरवरी में दिल्ली कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था. जबकि हाई कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. फिर उन्हें 26 मई को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी, जिसने 10 जुलाई को राहत को 24 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है.

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