नई दिल्ली:केजरीवाल सरकार ड्यूटी के दौरान अपनी जान गंवाने वाले दिल्ली के छह शहीद जवानों के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देगी. यह सम्मान राशि दिल्ली पुलिस में तैनात एएसआई ओम प्रकाश व एएसआई राघेश्याम, भारतीय सेना में तैनात मेजर रघुनाथ व कैप्टन जयंत जोशी, दिल्ली सिविल डिफेंस कर्मी पुनीत गुप्ता और फायर ऑपरेटर प्रवीर कुमार के परिवार को मिलेगी. इस संबंध में राजस्व विभाग से आए प्रस्ताव को मुख्यमंत्री केजरीवाल अपनी मंजूरी दे दी है.
राजस्व मंत्री आतिशी ने बताया कि सरकार में आते ही मुख्यमंत्री केजरीवाल ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों के परिवारों को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि देने शुरू किया. इस सम्मान राशि से शहीदों के परिवारों के नुकसान की भरपाई तो नहीं की जा सकती, लेकिन उनके परिवार को एक सम्मानजनक जीवन जीने में थोड़ी मदद जरूर मिलेगी. शहीदों को सम्मान देने की इस योजना के तहत दिल्ली सरकार दिल्ली निवासी या दिल्ली में ड्यूटी पर तैनात उन सभी वर्दीधारियों के परिवारों को 1-1 करोड़ रुपये देती है जो ड्यूटी के दौरान शहीद हुए.
इन छह शहीदों के परिवारों को मिलेगी सम्मान राशि:
एएसआई ओम प्रकाश, दिल्ली पुलिस:एएसआई ओम प्रकाश ओखला इंडस्ट्रियल एरिया पुलिस स्टेशन में तैनात थे. घटना के दिन वो सी-लाल चौक पर पिकेट ड्यूटी पर तैनात थे. जब वो अपने सहयोगी के साथ चौक पर वाहनों की जांच कर रहे थे, तभी लगभग 11ः45 बजे उन्हें एक मोटरसाइकिल पर उनकी तरफ आते तीन लोग दिखे. जब उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर रहे मोटरसाइकिल सवारों को रोकने की कोशिश की, तो मोटरसाइकिल सवारों ने उन्हें टक्कर मार दी. टक्कर लगने से एएसआई ओम प्रकाश गिर गए और उनका सिर सड़क से टकरा गया, उन्हें गंभीर चोटें आई और उन्हें एम्स ले जाया गया. वहां कुछ समय तक इलाज चलने के बाद वो शहीद हो गए.
मेजर रघुनाथ, भारतीय सेना:द्वारका निवासी मेजर रघुनाथ भारतीय सेना की तीसरी बटालियन, पैराशूट रेजिमेंट (स्पेशल फोर्सेज) में थे. संभावित घुसपैठ के बारे में एजेंसियों की खुफिया जानकारी पर 5 मई 2022 को सुखदार, जम्मू-कश्मीर में उनके द्वारा एक संयुक्त तलाशी अभियान शुरू किया गया. लगभग 10ः45 बजे, मौसम खराब हो गया. घने कोहरे और बारिश से हालात बिगड़ गए और इस दौरान मेजर लाइन ऑफ कंट्रोल के पास जोखिम भरे इलाके से ऑपरेशन के दौरान फिसलकर सलामाबाद नाले में गिर गए. उनके सिर पर गंभीर चोट लगी. बचाव दल उन्हें नजदीकी अस्पताल लेकर गई लेकिन तब तक वो शहीद हो चुके थे.