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नरेला में बनेगी दिल्ली की चौथी जेल, सरकार तैयार कर रही प्लान - तिहाड़

दिल्ली सरकार नरेला में नई जेल बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए नरेला में जमीन चिन्हित कर ली गई है और डीडीए से इसे खरीदने को लेकर बात चल रही है. जमीन की डील होने पर यहां निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. इस जेल में तीन से चार जेल कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे.

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नरेला में बनेगी दिल्ली की चौथी जेल

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Published : Sep 7, 2020, 1:57 PM IST

नई दिल्ली:राजधानी में अपराध बढ़ने के साथ ही जेल में कैदियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. दिल्ली की तिहाड़ जेल में क्षमता से डेढ़ गुना कैदियों को रखा गया है. इसके चलते दिल्ली सरकार नरेला में एक नए जेल का निर्माण करने पर विचार कर रही है. ये योजना फिलहाल शुरुआती स्तर पर है. दिल्ली सरकार इसके लिए डीडीए से जमीन खरीदने जा रही है.

सरकार तैयार कर रही है चौथी जेल का प्लान
जानकारी के मुताबिक राजधानी में फिलहाल तीन जेल हैं. ये जेल तिहाड़, मंडोली एवं रोहिणी जेल हैं. इनमें लगभग 10 हजार कैदियों को रखने की क्षमता है. लेकिन लॉकडाउन से पहले तक इसमें लगभग 17 हजार कैदी रह रहे थे.

कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए सरकार और अदालत के आदेश पर लगभग चार हजार कैदियों को जेल से अंतरिम जमानत एवं पैरोल पर छोड़ा गया था. लेकिन इसके बाद जब अपराधी पकड़े गए, तो एक बार फिर जेल में कैदियों की संख्या लगभग 15 हजार पहुंच गई है. इसकी वजह से इनके बीच कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहता है.




नरेला जेल में होगी 2500 कैदियों की क्षमता

सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार नरेला में नई जेल बनाने पर विचार कर रही है. इसके लिए नरेला में जमीन चिन्हित कर ली गई है और डीडीए से इसे खरीदने को लेकर बात चल रही है. जमीन की डील होने पर यहां निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा. यहां लगभग 40 एकड़ जमीन पर जेल बनेगी. इसमें तीन से चार जेल कॉम्प्लेक्स बनाए जाएंगे. जिनमें लगभग ढाई हजार कैदियों को रखने की क्षमता होगी. हालांकि इस जेल को बनने में अभी तीन से चार साल का समय लग सकता है.



तीन जेलों को मिलाकर लगभग 10 हजार की है क्षमता


फिलहाल राजधानी की तीन जेलों को मिलाकर लगभग 10 हजार कैदियों को रखने की क्षमता है. इनमें सबसे अधिक लगभग 6000 कैदी तिहाड़ जेल में रखे जा सकते हैं. वहीं रोहिणी जेल में 1200 कैदियों को रखने की क्षमता है. सरकार को उम्मीद है कि नई जेल बनने से कैदियों का बोझ अभी की जेल पर कम होगा एवं भविष्य में सोशल डिस्टेंसिनग का पालन भी वहां अच्छे से हो सकेगा.

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