नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग (delhi government health department) ने दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों को एक सर्कुलर जारी किया है कि अगर उनके यहां 'बर्न एंड प्लास्टिक वार्ड' और प्लास्टिक सर्जन हैं तो मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (Free Sex Reassignment Surgery) शुरू करें. दिल्ली महिला आयोग ने इसे एक बड़ी उपलब्धि बताया है. क्योंकि आयोग कई महीनों से स्वास्थ्य विभाग के साथ इस मामले को उठा रहा था.
आयोग ने कहा कि राजधानी में ट्रांसजेंडरों द्वारा सामना किए जाने वाली समस्याओं में से सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) की कमी एक बड़ी समस्या है. ट्रांसजेंडरों को एक निजी अस्पताल में लिंग परिवर्तन की प्रक्रिया करवाने के लिए 10-15 लाख तक का भुगतान करना पड़ता है. इस संबंध में आयोग ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी की सुविधा के प्रावधान के संबंध में जानकारी मांगी थी. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोग को सूचित किया गया था कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में एसआरएस की सुविधा उपलब्ध नहीं थी. हालांकि, आयोग के आग्रह पर स्वास्थ्य विभाग ने मामले को परखने और उस पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (डीजीएचएस) को एक समिति के गठन का निर्देश दिया था.
इसके बाद जब आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल द्वारा समिति की स्थिति की जानकारी मांगते हुए डीजीएचएस को एक नोटिस भेजा गया, तो आयोग को सूचित कर बताया गया कि दिल्ली के गुरु तेग बहादुर अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग में अब मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. स्वाति मालीवाल ने तब स्वास्थ्य विभाग को सम्मन जारी कर पूछा कि 'बर्न एंड प्लास्टिक' सर्जरी वार्ड की सुविधा वाले केवल एक सरकारी अस्पताल में मुफ्त सेक्स रिअसाइनमेंट सर्जरी क्यों है, सभी अस्पतालों में क्यों नहीं? आयोग ने विभाग को चिन्हित किया कि ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकार संरक्षण अधिनियम) 2019 में भी सरकारी अस्पतालों में एसआरएस का प्रावधान है.