नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) के तहत आश्रय घरों की सुरक्षा और सामाजिक ऑडिट करने का निर्देश दिया है. तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा (अब सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश) और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि इस काम को छह सप्ताह के भीतर किया जाना चाहिए.
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यह आदेश तब आया जब अदालत ने कहा कि यह सुरक्षा का मुद्दा है और आश्रय गृहों पर उन लोगों द्वारा कब्जा किया जा रहा है जो अपात्र हैं. हाई कोर्ट डूसिब आश्रय स्थल के संबंध में एक प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र में प्रकाशित एक लेख पर स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रहा था. याचिका में कहा गया था कि आश्रय गृह में भोजन की आपूर्ति करने वाली एजेंसी ने ऐसा करना बंद कर दिया था और वहां लगभग 60 बेघर एकल महिलाएं थीं, जिनमें बुजुर्ग, विकलांग लोग और 17 बच्चे रह रहे थे.