नई दिल्ली:दिल्ली के मेयर का चुनाव 22 फरवरी को होगा. नगर निगम और दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को उपराज्यपाल ने शनिवार को मंजूरी दे दी है. शनिवार को ही दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल के पास निगम सदन की बैठक 22 फरवरी को बुलाने का प्रस्ताव भेजा था. दोपहर 2 बजे मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी और कुछ देर बाद ही उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के मद्देनजर आदेश दिया था कि 24 घंटे में मेयर चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी हो. एमसीडी चुनाव के नतीजे आए हुए तीन महीने से अधिक हो चुका है, इस दौरान तीन बार मेयर चुनाव के लिए सदन की बैठक बुलाई गई थी, लेकिन हंगामें के चलते तीनों ही बार मेयर चुनाव नहीं हो सका था.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के मेयर पद के प्रत्याशी शैली ओबरॉय ने पिछले ढाई महीने से लगातार मेयर चुनाव स्थगित होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली थी. दायर याचिका में उन्होंने समय सीमा में मेयर चुनाव कराने की मांग की थी. जिस पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल, दिल्ली सरकार, नगर निगम और पीठासीन अधिकारी को नोटिस भेजा.
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गौरतलब है कि हंगामे के कारण तीन बार मेयर का चुनाव टल चुका है. निगम सदन की बैठक 6 जनवरी को पहली बार बुलाई गई थी तब भी मनोनीत पार्षदों के वोटिंग के मुद्दे पर हंगामा हुआ था. आम आदमी पार्टी का कहना था कि मनोनीत पार्षद से वोट कराने की कोशिश हो रही है. दूसरी बार 24 जनवरी को बैठक बुलाई गई इसमें पार्षदों की शपथ तो हो गई, लेकिन चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई तो फिर हंगामा हो गया. इसके बाद एक बार फिर मनोनीत पार्षदों के वोटिंग के मुद्दे पर 6 फरवरी को तीसरी बार सदन की बैठक स्थगित हो गई. जिसके बाद मामला कोर्ट में चला गया. दिल्ली नगर निगम में 134 सीटें जीतकर पार्टी पहले पायदान पर हैं तो वहीं बीजेपी को 104 सीटें मिली है.
केजरीवाल ने LG पर लगाया गंभीर आरोप: राजधानी दिल्ली को अब मेयर के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा. जल्द ही मेयर पद के लिए चुनाव होंगे. यह कहना है दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का. साथ ही उन्होंने एलजी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. केजरीवाल ने कहा कि कल सुप्रीम कोर्ट में मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी को बहुत बड़ी जीत मिली है. एमसीडी में भाजपा की हार के बावजूद भी भाजपा और एलजी मिलकर यह प्रयास करते रहे कि बीजेपी का मेयर बनाया जाए. जबकि बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है. भाजपा और एलजी ने अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए षडयंत्र रचा, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उनके सारे षडयंत्र को नाकाम कर दिया.
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