नई दिल्ली: अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार से छिन जाने के बाद आम आदमी पार्टी के कई नेता भाजपा और पीएम मोदी को निशाना बना रहे हैं. दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बोलीं कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास पूरी ताकत है और यह ताकत है अफसरों की जवाबदेही, अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग, भ्रष्ट अफसरों पर एक्शन लेने की. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का मतलब हुआ कि अगर दिल्ली की जनता ने अरविंद केजरीवाल को चुना है तो निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल के पास है.
उन्होंने कहा कि लैंड, लॉ-एंड ऑर्डर और पुलिस को छोड़कर निर्णय लेने की ताकत अरविंद केजरीवाल की है लेकिन भाजपा से यह सहन नहीं हुआ. ये अध्यादेश दिखाता है कि मोदी को केजरीवाल से कितना डर लगता है. वो छोटे से राज्य में 6 महीने के लिए केजरीवाल को ताकत नहीं देना चाहते, क्योंकि उन्हें पता है कि केजरीवाल सरकार 6 महीने में वो चमत्कारी काम करके दिखाएगी, जिसे पूरा देश देखेगा.
हम जीते पर दिल्ली वहीं चलाने जा रहे हैं
आतिशी ने कहा कि रात के अंधेरे में लाया गया यह ऑर्डर क्या कहता है. चाहे दिल्ली की जनता 90% से ज्यादा सीटें देकर अरविंद केजरीवाल को सीएम बनाए लेकिन दिल्ली को हम नहीं केंद्र सरकार चलाएगी. आतिशी ने सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर पढ़कर बताया कि ऐसा अध्यादेश लाने का हक भी केंद्र के पास नहीं है. यह ऑर्डर ही गैर कानूनी है. अध्यादेश के सेक्शन 3ए में कहा गया है- दिल्ली विधानसभा को सर्विसेज पर कोई भी कानून बनाने का अधिकार नहीं है. ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी बनाई जाएगी, जिसमें सीएम चेयरपर्सन होंगे, चीफ सचिव, गृह सचिव सदस्य होंगे. केंद्र सरकार उन्हें चुनकर भेजेगी. अगर कोई ऐसा निर्णय जो केंद्र सरकार को पसंद नहीं होगा तो उसे पलटने की ताकत एलजी के पास होगी.
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