नई दिल्ली : दिल्ली में शराब की बिक्री को लेकर साल भर से मचे शोर, शिकायत, मुकदमें और आबकारी विभाग के मंत्री रहे मनीष सिसोदिया समेत अन्य की गिरफ्तारी के बीच दिल्ली सरकार के लिए एक राहत भरी खबर है. बीते वित्त वर्ष में दिल्ली सरकार को शराब की बिक्री से बंपर कमाई हुई है. शराब की बिक्री से सरकारी खजाने में 6821 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. जबकि वर्ष 2021-22 में शराब की बिक्री से मिलने वाले कुल राजस्व 6762 करोड़ रुपये था.
आबकारी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बीते वित्त वर्ष 2022-23 (31 मार्च) तक सरकारी खजाने में शराब की बिक्री से 59 करोड़ अधिक एक्साइज ड्यूटी और वैट मिला है. अभी नई आबकारी नीति को रद्द करने के बाद मौजूदा आबकारी नीति को छह महीने तक के लिए बढ़ाया गया है. अप्रैल से नई आबकारी नीति लागू होनी थी, लेकिन यह अभी तक नहीं बन पाई है. इसीलिए मौजूदा आबकारी नीति को 6 महीने तक के लिए बढ़ा दिया गया है. फिलहाल नई आबकारी नीति बनाने पर काम चल रहा है और उसके बाद दिल्ली में शराब की बिक्री उसी नीति के तहत होगी.
केजरीवाल सरकार में शराब घोटाला बीते पिछले एक साल से सुर्खियों में है. आबकारी नीति को बनाने के बाद भ्रष्टाचार के आरोप उसके बाद उस नीति को रद्द करने से लेकर आबकारी विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी व सीबीआई जांच शुरू होने से पूरे साल दिल्ली में शराब सुर्खियों में रहा है. दिल्ली में अभी शराब की बिक्री पुरानी आबकारी नीति के तहत ही दुकानों पर हो रही है. नई नीति बनाने के संबंध मे दिल्ली सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह शराब की बिक्री के लिए नई नीति तय समय के भीतर तैयार करें.
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दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने नई आबकारी नीति बनाने के लिए वित्त विभाग के प्रधान सचिव के नेतृत्व में 3 सदस्य कमेटी बनाई है. कमेटी ने रिपोर्ट देने के लिए कुछ समय की और मांग की थी. ऐसे में दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग के अधिकारी बताते हैं कि जिस पुरानी नीति के तहत अभी दिल्ली में शराब की बिक्री हो रही थी, उन दुकानदारों के लाइसेंस छह के महीने के लिए रिन्यू कर दिया गया है.