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Pollution in Delhi: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने प्रदूषण की स्थिति को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र, रखीं ये सात मांगें

दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखकर कहा है कि राजधानी में 69 प्रतिशत प्रदूषण, एनसीआर राज्यों के स्त्रोतों से होता है. इसे लेकर उन्होंने सात मांगें रखी हैं. पढ़ें पूरी खबर..

Delhi Environment Minister Gopal Rai
Delhi Environment Minister Gopal Rai

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 17, 2023, 5:57 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण का ग्राफ एक बार फिर चढ़ रहा है. आलम यह है कि दिल्ली, दुनिया के टॉप 10 प्रदूषित शहरों की सूची में छठे स्थान पर आ चुकी है. इसे देखते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार प्रदूषण की रोकथाम के लिए लगातार काम कर रही है, लेकिन 69 प्रतिशत प्रदूषण अन्य राज्यों के कारण हो रहा है. इसकी रोकथाम के लिए उन्होंने सात मांगें की हैं.

आई 30 प्रतिशत कमी: उन्होंने कहा है कि यदि इन सात बिंदुओं पर काम किया जाए तो दिल्ली समेत पूरे एनसीआर को प्रदूषण से राहत मिलेगी. पत्र में उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार दिल्ली के नागरिकों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराने के लिए तमाम कदम उठा रही है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले आठ सालों में प्रदूषण में 30 प्रतिशत की कमी आई है. दिल्ली में वायु के अच्छे, संतोषजनक और मध्यम श्रेणी के दिनों की संख्या 2016 में 109 से बढ़कर 2023 में 200 हो गई है.

चलाए जा रहे कई अभियान: पर्यावरण मंत्री ने कहा कि सर्दी के मौसम में दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ जाता है. इसे कम करने के लिए दिल्ली सरकार विंटर एक्शन प्लान के तहत कई कदम उठा रही है. इसमें बायोडिकंपोजर का छिड़काव, एंटी डस्ट कैंपेन, हॉटस्पॉट के लिए विशेष अभियान, एंटी ओपन बर्निंग अभियान आदि शामिल हैं. लेकिन जब तक एनसीआर के राज्यों में प्रदूषण के कारकों पर रोक नहीं लगेगी, तब तक ये कदम प्रभावशाली नहीं बन पाएंगे.

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का पत्र

प्रदूषण में एनसीआर राज्यों की भागीदारी: पत्र में उन्होंने यह भी कहा कि सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट द्वारा जारी की गई रिपोर्ट बताती है कि दिल्ली के प्रदूषण स्तर का 31 प्रतिशत, दिल्ली के अंदर के स्रोतों का प्रदूषण है, जबकि शेष 69 प्रतिशत प्रदूषण में एनसीआर के राज्यों के स्त्रोतों की भागीदारी है. इस प्रदूषण को कम करने के लिए हमें सात बिंदुओं पर संबंधित एनसीआर राज्यों के साथ संयुक्त मीटिंग करके प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है. यह सात बिंदु इस प्रकार हैं-

  1. एनसीआर से दिल्ली आने वाले सभी सार्वजनिक परिवहन सीएनजी या इलेक्ट्रिक पर चलाए जाएं.
  2. एनसीआर में पराली जलाने पर रोक लगाई जाए, जिससे पराली का धुआं दिल्ली एनसीआर की हवा को प्रदूषित न करे.
  3. एनसीआर राज्यों में काफी औ‌द्योगिक इकाइयां अभी भी प्रदूषणकारी ईंधन से चल रही हैं, उन्हें तत्काल पाइप्ड प्राकृतिक गैस से संचालित करने पर काम किया जाए.
  4. एनसीआर राज्यों में भारी प्रदूषण फैलाने वाले ईंट भट्ठों को जिग-जैग तकनीक में बदला जाए.
  5. डीजल जनरेटर पर निर्भरता कम करने के लिए एनसीआर राज्यों के सभी हाउसिंग सोसाइटियों के लिए बिजली सुनिश्चित की जाए.
  6. एनसीआर राज्यों में भी दिल्ली की तरह ही पटाखों पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई जाए.
  7. वाहनों को इस्टर्न और वेस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर उनके शुरुआती बिंदु से ही डाइवर्ट करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों को कहा जाए.

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गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में सोमवार रात हुई झमाझम बारिश से लोगों को प्रदूषण से राहत मिली है. इसके चलते प्रदूषण संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, मंगलवार शाम 4 बजे दिल्ली का एयर क्लालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 89 दर्ज किया गया. इससे पहले प्रदूषण अगस्त में हुई बारिश से भी एक्यूआई संतोषजनक श्रेणी में पहुंच गया था.

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