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दिल्ली: 11-17 जनवरी के बीच एजुकेशन कॉन्फ्रेंस, सिसोदिया ने की भागीदारी की अपील - केजरीवाल सरकार एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस

दिल्ली में 11 से 17 जनवरी के बीच एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित होने जा रही है. दिल्ली की बदली हुई शिक्षा व्यवस्था से लेकर कोरोना के असर तक पर इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी. शिक्षा से जुड़े देशभर के लोगों से मनीष सिसोदिया ने इसमें भागीदारी की अपील की है.

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मनीष सिसोदिया

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Published : Jan 6, 2021, 5:43 PM IST

नई दिल्ली: केजरीवाल सरकार एक एजुकेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजित करने जा रही है. डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देते हुए उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि कोरोना के दौरान देश और दुनियाभर में शिक्षा प्रभावित हुई है. क्लासेज, लैब लाइब्रेरी, पढ़ाई, सब कोरोना के कारण पुनर्परिभाषित हुई है और यह स्पष्ट है कि कोरोना के बाद शिक्षा व्यवस्था में कई तरह के बदलाव होने जा रहे हैं.

दिल्ली में 11-17 जनवरी के बीच एजुकेशन कॉन्फ्रेंस

शैक्षणिक समाधान को लेकर मंथन

मनीष सिसोदिया ने बताया कि कोरोना के बाद स्कूल कैसे चलेंगे, क्लास लेने की व्यवस्था क्या होगी, परीक्षाएं कैसे होंगीं, इसका तरीका अब तक सामने नहीं आया है. न तो अभिभावकों और न ही शिक्षकों या स्कूल प्रबंधन के पास इसका कोई समाधान है. मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज जबकि हम वैक्सीनेशन की तैयारी कर रहे हैं, यह एक बड़ा सवाल है और हमें इससे जुड़े समाधान को लेकर मंथन करना होगा.

'7 देशों के 21 पैनलिस्ट लेंगे हिस्सा'

शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस जरूरत को महसूस करते हुए दिल्ली सरकार ने एक पहल की है. दिल्ली में पहली इंटरनेशनल एजुकेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा. मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस दिल्ली एजुकेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन 11 से 17 जनवरी के बीच होगा. इसका मकसद है कि शिक्षा से जुड़ी आज की चुनौतियों पर चर्चा हो. मनीष सिसोदिया ने बताया कि इस कॉन्फ्रेंस में 7 देशों के 21 पैनलिस्ट शामिल होंगे.

देश के भी कई एक्सपर्ट होंगे शामिल

मनीष सिसोदिया ने बताया कि इसमें, प्रसिद्ध लेखक और 5 देशों की शिक्षा की स्टड कर चुकीं लूसी क्रैहन होंगीं. हार्वर्ड के कैनेडी स्कूल में प्रोफेसर रह चुके, ऑक्सफोर्ड के प्रोफेसर प्रेचेट भी इसमें पैनलिस्ट होंगे, जो फिनलैंड, सिंगापुर, जापान और कनाडा जैसे देशों में शिक्षा के एक्सपर्ट हैं. वहीं जर्मनी के सीनियर लैक्चरर सेवेस्टियन भी इसमें अपनी बात रखेंगे. इनके अलावा, देश के भी कई एक्सपर्ट इसमें हिस्सा लेंगे.

ऑनलाइन और सेमी ऑनलाइन चर्चा

भारत में एलिमेंट्री एजुकेशन की जनक मानी जाने वाली विमला रामचंद्रन, प्रथम से जुड़ी रुक्मणि बनर्जी, इंडिइन पॉलिसी रिसर्च की यामिनी और अर्ली चाइल्ड हुड से जुड़ी विनीता कॉल भी इसमें शामिल होंगीं. मनीष सिसोदिया ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस ऑनलाइन और सेमी ऑनलाइन दोनों तरीके से होगी. मनीष सिसोदिया ने कहा कि इसपर चर्चा होगी कि दुनियाभर में शिक्षा को किस तरह से आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है.

दिल्ली सरकार ने बनाई है वेबसाइट

मनीष सिसोदिया ने बताया कि शिक्षा में बदलाव की दिल्ली की जो बीते 5 साल की यात्रा रही है, उसपर एक एक्सपर्ट्स के ग्रुप ने अध्ययन किया है. इस कॉन्फ्रेंस में उसपर भी चर्चा होगी. साथ ही, कोरोना काल में जो अनुभव सामने आएं, उसपर भी चर्चा होगी. सिसोदिया ने शिक्षा से जुड़े देशभर के लोगों से अपील कि इसमें शामिल हों. उन्होंने बताया कि इसके लिए दिल्ली सरकार ने वेबसाइट भी बनाई है-delhieducationconferance.org.

वैक्सीन की उपलब्धता पर नजर

गौरतलब है कि कई राज्य अब धीरे धीरे स्कूल खोल रहे हैं. दिल्ली सरकार इसे लेकर क्या सोच रही है. इसे लेकर सवाल करने पर मनीष सिसोदिया ने कहा कि इसपर मंथन चल रहा है. सिसोदिया ने कहा कि यह देखना जरूरी होगा कि वैक्सीन किस तरह से उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि 4 मई से सीबीएसई के एग्जाम एनाउंस हो गए हैं, तो इसपर चर्चा हो रही है कि प्रैक्टिकल कैसे होंगे और बाकी गतिविधिया किस तरह आयोजित होंगीं.

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